सरहदी इलाक़ों में काम करने वाले कर्मचारियों को मिला बंपर इंक्रीमेंट, 100 से 170 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा वेतन, 1 जून से होगा लागू


केंद्र सरकार ने सरहद पर मुश्किल हालातों में कार्यरत कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. इन्हें बंपर इंक्रीमेंट मिला है. आदेश के अनुसार न्यूनतम वेतन, मानदेय एवं भत्तों में 100 से 170 प्रतिशत तक का रिकॉर्ड इजाफा हुआ है.


इसके बाद कर्मचारियों का वेतन तीन से चार गुना तक बढ़ जाएगा. बढ़ा हुआ वेतन 1 जून, 2020 से लागू होकर मिलेगा. यह आदेश राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड द्वारा जारी किया गया है. 


आदेश में कहा गया है कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करने वालों के रिस्क अलाउंस यानी जोखिम भत्ते में 100 से 170 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी तनावग्रस्त लद्दाख सेक्टर में सड़क बनाने वाले कर्मचारियों को दी गई है.


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने भारत की सीमाओं के साथ सड़क और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में शामिल कर्मियों को वेतन वृद्धि देने का फैसला किया है. वेतन लाभ के अलावा, अनुबंधित कर्मचारियों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा और 10 लाख रुपये की दुर्घटना बीमा पॉलिसी भी मिलेगी. उन्हें यात्रा भत्ता, महंगाई भत्ता, भविष्य निधि आदि जैसी अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी.


डेटा एंट्री ऑपरेटर, आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन 16,770 से बढ़कर 41,440 हुआ


नए आदेश के बाद लद्दाख में काम करने वाले डेटा एंट्री ऑपरेटर जैसे आउटसोर्स गैर-तकनीकी कर्मचारियों का वेतन 16,770 रुपये प्रति माह से बढ़कर 41,440 रुपये प्रति माह हो गया है. इसी पद के कर्मचारी को दिल्ली में 28,000 रुपये का वेतन मिलता है. एक अकाउंटेंट का वेतन भी लद्दाख क्षेत्र में 25,700 रुपये से बढ़ाकर 47,360 रुपये प्रति माह कर दिया गया है.


ट्रेनी ग्रेजुएट इंजीनियर का वेतन 30 हजार से अब 60 हजार


लद्दाख क्षेत्र में काम करने वाले ट्रेनी ग्रेजुएट इंजीनियर को अब प्रति माह से 60,000 रुपये का वेतन मिलेगा. इससे पहले इनका वेतन 30,000 रुपये प्रति माह था. ग्रेजुएट इंजीनियर का वेतन 45 हजार से बढ़ाकर 78 हजार रुपए कर दिया गया है.


मैनेजर लेवल के इंजीनियर का वेतन 50 हजार से 1 लाख 12 हजार 800


प्रबंधक स्तर पर इंजीनियर वेतन 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,12,800 रुपये प्रति माह कर दिया गया है और वरिष्ठ प्रबंधक को अब 1,23,600 रुपये प्रति माह मिलेंगे. पहले इनका वेतन 55,000 रुपये प्रति माह था.


5 लाख का मेडिकल बीमा, 10 लाख का दुघर्टना बीमा भी मिलेगा


रिस्?क एरिया में काम करने वाले आउटसोर्स एवं कांट्रेक्चुअल कर्मचारियेां को 5 लाख रुपए का मेडिकल बीमा भी दिया जाएगा. इसके साथ ही इन्हें 10 लाख रुपए का एक्सीडेंटल बीमा का भी लाभ संबंधित एजेंसी से दिया जाएगा. इस लाभ के दायरे में टेक्निकल व नॉन टेक्निकल स्टाफ भी शामिल है. इन समस्त कर्मचारियों को टीए, डीए, ईएसआई, पीएफ आदि की सुविधाएं भी मिलेंगी.


सबसे अधिक लद्दाख में कार्यरत को लाभ


सरकार ने यह बंपर इंक्रीमेंट देश की सीमाओं पर जटिल परिस्थितियों में सड़क निर्माण कार्य में लगे कर्मचारियों को दिया है. गलवन घाटी में चीन के साथ पनपे तनाव को देखते हुए विशेष जोखिम भत्ता के तहत सबसे अधिक वेतन लद्दाख क्षेत्र के कर्मचारियों को मिला है. यहां 10वीं पास सबसे कनिष्ठ कर्मचारी का वेतन 34,000 हजार से अधिक है, जबकि सामान्य ग्रेज्?युऐट कार्यालय सहायक का वेतन 47,000 रुपए है. यह बढ़ी हुई नई वेतन व्यवस्था एक जून से लागू हो गई है. इसका एक लाभ यह होगा कि श्रीनगर-लेह, लद्दाख के तकनीकी, गैर-तकनीकी एवं बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार एवं आय के उचित अवसर मिलेंगे.


 


तीन श्रेणियों में बांटा गया


 


दुर्गम एवं कठिन क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को तीन श्रेणियों में रखा गया है. पहली श्रेणी में असम, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम और उत्तराखंड में कार्यरत लोग शामिल हैं. दूसरी श्रेणी में अरुणाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, मिजोरम और नागालैंड में काम करने वाले हैं. तीसरी एवं अहम श्रेणी लद्दाख क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की है, क्योंकि इन्हें हाइयेस्ट रिस्क वाला क्षेत्र माना गया है. गौरतलब है कि भारत एवं चीन के बीच लद्दाख सेक्टर की गलवन घाटी में पिछले दिनों हिंसक झड़प हो चुकी है. इसमें भारत के 20 से अधिक जवान शहीद हो गए थे.