राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी और कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि चीन विवाद को लेकर गलतफहमी फैलाने की कोशिश न करें. 


नई दिल्ली: रक्षा मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ राजनाथ सिंह ने सोमवार को महाराष्ट्र जनसंवाद रैली को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज राहुल गांधी और कुछ विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि भारत-चीन सीमा पर क्या हो रहा है. देश के रक्षा मंत्री के रूप में, मैं यह कहना चाहता हूं कि मुझे जो कुछ भी कहना है वह मैं संसद के अंदर कहूंगा, मैं लोगों को गुमराह नहीं करूंगा. उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि चीन विवाद को लेकर गलतफहमी फैलाने की कोशिश न करें. 


रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन के साथ 6 जून की वार्ता बहुत सकारात्मक थी. भारत और चीन दोनों ही देश सीमा पर चल रही खींचतान को सुलझाने के लिए वार्ता जारी रखने पर सहमत हुए हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि देश का नेतृत्व मजबूत हाथों में है और हम देश के स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं करेंगे. 


महाराष्ट्र जनसंवाद रैली के दौरान राजनाथ सिंह ने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने गठबंधन तोड़ने को लेकर शिवसेना को लताड़ लगाई. रक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना से महाराष्ट्र के हालात देखें तो लगता है कि राज्य में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती. 


महाराष्ट्र सरकार के कोरोना वायरस प्रबंधन के तौर तरीकों पर सवाल उठाते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में वर्तमान स्थितियों से ऐसा लग रहा है कि सरकारी कामकाज के स्थान पर कोई सर्कस चल रहा है. उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में स्थिति सरकार से ज्यादा सर्कस की स्थिति है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार जैसा कुशल नेतृत्व होते हुए भी राज्य को इस स्थिति में देखना दुर्भाग्यपूर्ण है.'


महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस की भूमिका के बारे में राहुल गांधी के बयान पर सिंह ने कहा कि जिम्मेदारी के बिना सत्ता उनका चरित्र है. उन्होंने कहा कि सारी दुनिया इस बात को स्वीकार कर रही है कि मोदी सरकार में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है. साल 2013 में देश की जो आर्थिक स्थिति थी उसकी तुलना में साल 2019 में स्थिति बहुत बेहतर हुई है.


राहुल गांधी के बयान को याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि राहुल कह चुके हैं कि कांग्रेस महाराष्ट्र में प्रमुख फैसले नहीं ले सकती है. इसका क्या मतलब है? क्या वह ऐसे संकट के समय में अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रहे हैं? यह कुछ नया नहीं है, बिना जिम्मेदारी के सत्ता उनका चरित्र है.