मोदी के भाषण से डरे चीन ने सोशल मीडिया से भाषण और विदेश मंत्रालय के बयान

गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत सरकार और भारतीय सेना ने पूरी दुनिया को बताया कि क्या हुआ? कितने सैनिक शहीद हुए? जबकि चीनी मीडिया ने ये तो माना कि नुकसान हुआ है लेकिन संख्या बताने से इनकार कर दिया. चीन का विदेश मंत्रालय पूरे मुद्दे पर टाल मटोल करता रहा. ऐसा लग रहा है कि चीन पूरी दुनिया से कुछ छुपा रहा है. वरना चीन ऐसा देश है जो अपनी कामयाबी का डंका सबसे ज्यादा पीटता है. चीन की सरकार ने और मीडिया ने चीन की जनता को ये खबर भी नहीं लगने दी कि कितने सैनिक मा’रे गए भारत के साथ झड़प में. सोशल मीडिया पर तो ये भी खबरें चल रही कि चीन ने अपने मृ’त सैनिकों को चुपके से द’फना दिया ताकि सच किसी को पता नहीं चल सके. अब चीन ने सच छुपान के लिए एक और कदम उठाया है. चीनी सोशल मीडिया ने भारत-चीन सीमा विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए बयान को अपने प्लेटफॉर्म से डिलीट कर दिया है.


 


चीन में जनता के लिए ट्विटर बैन है इसकी जगह पर वहां ‘साइना वेइबो’ इस्तेमाल किया जाता है. प्रधानमंत्री मोदी समेत दुनिया के कई बड़े नेता चीन के लोगों से संवाद के लिए ‘साइना वेइबो’ का इस्तेमाल करते हैं. अधिकारियों के अनुसार विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के बयान को 18 जून को ‘साइना वेइबो’ पर बने दूतावास के अकाउंट से हटा दिया गया था. बयान के डिलीट होने के बाद भारतीय अधिकारियों ने 19 जून को अनुराग के बयान के स्क्रीन शॉट्स को दोबारा प्रकाशित किया. सिर्फ साइना वेइबो ही नहीं बल्कि वी चैट ने भी बयानों को डिलीट कर दिया. विदेश मंत्रालय के बयान को हटाने के बाद वी चैट ने लिखा, ‘नियमों का उल्लंघन करने के कारण यह कंटेट नहीं दिखाया जा सकता है.’


 


इतना ही नहीं 18 और 19 जून को सर्वदलीय बैठक के बाद दिया गया पीएम मोदी का भाषण भी साइना वेइबो और वी चैट से हटा दिया गया. वी चैट ने लिखा है कि यह कंटेंट लेखक ने हटा लिया है जबिक अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने इसे नहीं हटाया है. बल्कि चाइनीज वेबसाइट ने ही इसे हटा दिया. पीएम मोदी ने 2015 में अपने चीन दौरे के बाद ‘साइना वेइबो पर अकाउंट बनाया था. साइना वेइबो और वी चैट पर पीएम मोदी और भारतीय दूतावास को लाखों लोग फॉलो करते हैं.