कोरोना महामारी से नही भुखमरी से मर जायेंगे वित्तविहीन शिक्षक - उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की ऑनलाइन बैठक में बोले शिक्षक


सन्तकबीरनगर। सरकार ध्यान ना दी तो वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत साढ़े तीन लाख शिक्षक-कर्मचारी कोरोना महामारी से नहीं, बल्कि भुखमरी से मर जाएंगे। सरकार उनके मानदेय व गुजारे भत्ते की व्यवस्था नहीं की, तो उनकी हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जाएगी। सरकार वित्तविहीन शिक्षकों को कम से कम जीवन निर्वाह के लिए दस हजार रुपये प्रतिमाह का मानदेय उपलब्ध कराएं। उक्त बातें उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री संजय द्विवेदी ने रविवार संगठन की बार्चुअल मीटिंग के दौरान कही।


           श्री द्विवेदी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री/ माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा के निर्देश के बावजूद प्रदेश के 90 प्रतिशत से अधिक वित्तविहीन विद्यालय के संचालकों द्वारा शिक्षकों को सैलरी नहीं दी गई है। वित्तविहीन विद्यालय के संचालक एन-केन- प्रकारेण विद्यार्थियों से ऑनलाइन शिक्षण के नाम पर शुल्क तो वसूल रहे हैं, लेकिन आर्थिक संकट का बहाना बनाकर वेतन देने से कतरा रहे हैं।


         उन्होंने बताया कि कई विद्यालय के प्रबंधकों ने शिक्षकों से साफ-साफ कह दिया है कि या तो कोई दूसरा व्यवसाय कर लीजिए या फिर विद्यालय खुलने का इंतजार कीजिए। उनका साफ-साफ कहना है कि जब विद्यालय में शुल्क नहीं आ रहा है तो मानदेय कहां से दें। श्री द्विवेदी ने कहा कि कोविड-19 के लकडाउन में उत्तर प्रदेशसरकार ने किसानों, प्रवासी मजदूरों व जरूरतमंदों का ख्याल रख रही है, किंतु बार-बार अनुरोध के बावजूद वित्तविहीन विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की तरफ उनका ध्यान नहीं जा रहा है।


         उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों में कार्यरत उच्च अहर्ताधारी शिक्षक जीवन के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं।लेकिन उनके आंसू पूछने वाला कोई नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रत्येक विद्यालय में कार्यरत वित्तविहीन शिक्षकों के गुजारे भत्ते के लिए सम्मानजनक मानदेय की व्यवस्था की जाए।


             उन्होंने वित्तविहीन शिक्षकों को गुमराह कर राजनीति करने वाले अवसरवादी नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि शिक्षकों को मानदेय दिलाने के नाम पर एमएलसी बने कुछ नेता सत्ता की गोद में जाकर शिक्षकों के भविष्य को संकट में डाल दिए हैं। सत्ता की गोद में बैठने के बाद उनका संघर्ष मर गया है, और उनकी आवाज गुलामों जैसी हो गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रदेश के विधान परिषद में जिस दिन सत्ताधारी दल का बहुमत होगा, प्रदेश के लाखों लाख शिक्षकों व कर्मचारियों का जीवन बद से बदतर हो जाएगा। इसलिए आगामी चुनाव में सोच समझकर मतदान करना होगा।


             इस वर्चुअल बैठक में गिरजानंद यादव मोहिबुल्लाह खान विनोद उपाध्याय महेश्वर सिंह भूपेंद्र कुमार अनिल चौधरी महेश राम मंगला प्रसाद कमर आलम अरशद जलाल अभय शंकर शुक्ला अजय शुक्ला गोपाल जी सेन सहित अन्य मौजूद रहे।