कानपुर :- योगी राज में जो घोटाला उजागर करता है उसी के खिलाफ कार्यवाही करने की परंपरा बन गयी है इस परंपरा में चाहे बड़े आईएएस अधिकारी हो या या पुलिस अधिकारी हो या कोई छोटा मोटा अधिकारी हो हर एक आदमी को प्रताड़ित किया गया है लेकिन इसमे सबसे अधिक निशाने पर रहते है वो पत्रकार जो यह खबर उजागर करते है वो ही सबसे पहले निशाने पर आता है
कल यूपी के कानपुर के स्वरूप नगर थाना अंतर्गत राजकीय बालिका गृह में 57 लड़कियां कोरोना पॉजिटिव, 7 लड़कियां गर्भवती व एक लड़की एचआईवी एड्स से संक्रमित पाई गई है, इन गर्भवती लड़कियों में कुछ नाबालिग भी थी।
इस घटना के सामने आने के बाद कानपुर बालिका गृह कांड पूरे उत्तर प्रदेश में ही नही अपितु देश भर में चर्चा का विषय बन गया……इस खबर को लेकर लोकल पुलिस बेहद गुस्से में आ गयी और अपनी खामियों को छिपाने के लिए पत्रकारों को टारगेट करना शुरू कर दिया जिस थाने के अंतर्गत यह राजकीय बालिका गृह आता है उसी थाने (स्वरुप नगर पुलिस) में दो न्यूज़ चैनलों के पत्रकारों को कल बंधक बनाकर पुलिस द्वारा पीटा गया और फर्जी मुकदमों में फंसा कर जेल भेजने की धमकी देते हुए देर रात छोड़ा गया है ……आपको याद होगा कि पिछले साल इसी प्रकार से शामली जिले में पटरी से उतरी मालगाड़ी की कवरेज करने गए एक पत्रकार की जीआरपी कर्मचारियों ने पिटाई कर दी थी यह है राम राज्य की पुलिस……
बता दें की पत्रकार बालिका गृह कांड से जुड़े कुछ पहलुओं की जानकारी करने स्वरूप नगर थाने पहुंचे थे उसी दौरान ड्यूटी पर तैनात पहरे ने उन्हें रोका तो पत्रकारों ने जब मामले की जानकारी करने के संबंध में अंदर जाने देने की बात कही तो पहरे ने पत्रकारों पर टिप्पणी करना शुरू कर दी। जब मामला बढ़ने लग गया मौके पर कई पुलिसकर्मी आ गए जिन्होंने पत्रकारों को बंधक बना लिया। जिसके बाद पत्रकारों के साथ पुलिसकर्मियों ने जमकर मारपीट की।
इतना ही नहीं थाने के मुंशी ने पहरे से कहा “तुम इन पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकदमे लिखवा दो और मुकदमे में बोलो पत्रकारों ने मेरी बंदूक छीनने का प्रयास किया मैं इन्हें जेल भिजवा दूंगा”। और तो और थाने में मौजूद एक चौकी इंचार्ज ने पत्रकारों से कहा “अगर पहरा तुम्हें गोली मार देते तुम यही मरे पड़े रहते इनका क्या कुछ कर पाते..?”
रात 11:00 बजे से देर रात 1:30 बजे तक पत्रकारों को बंधक बनाकर मारपीट की गई उसके बाद जबरन इंस्पेक्टर के कमरे में बैठा कर समझौता लिखवा कर उन्हें छोड़ा गया।
गिरीश /अजय