काम कुछ ऐसा करते रहो दुनिया में प्यारे -- कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु


दौलत करोड़ों की कमा लिया है तुमने बेशक ! 


मगर जीवन में शांति नही तो व्यर्थ है सब कुछ !! 


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यूं तो शांति और सुकून की तलाश रहती है सभी को ! 


मगर दौलत कमाने की होड़ में शांति मिलती नहीं किसी को !! 


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काम कुछ ऐसा करते रहो दुनिया में प्यारे ! 


शांति और सुकून खुद ही आए तेरे दर पर !! 


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शांति का संदेश पहुंचाना चाहते हो अगर दुनिया में ! 


लोभ , मोह , माया से रिश्ता सदा दूर का ही रखो !! 


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दुनिया से अकड़ कर चलने में भला शायद हो कभी तुम्हारा ! 


धन दौलत जुटा लोगे बेशक मगर शांति तो मिलने वाली नहीं !! 


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पास बैठोगे जो कभी आकर तुम मेरे ! 


मंत्र शांति का सीख जाओगे सरलता से !! 


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अनमोल ज़िंदगी का अनमोल यह खजाना है ! 


एक लक्ष्य अपना बस जीवन में शांति पाना है !! 


************* तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !


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