जिला प्रोबेशन कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक पर सरकारी फ़ाइल गायब करने का आरोप, कोतवाली में मुक़दमा दर्ज

बस्ती:- जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन की जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य करने की वजह से कैसे भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है जिसकी पहले तो फाइल ही गायब कर दी गई ताकि भ्रष्टाचार के तहत अफसर ना पहुंच पाए और जो फ़ाइल नहीं मिली तो जिला प्रशासन ने भ्रष्ट बाबू के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।


जिला प्रोबेशन कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक गौरव सिंह के खिलाफ सरकारी पत्रावली गायब करने के आरोप में कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। यह मुकदमा जिला प्रोबेशन अधिकारी राकेश कुमार की तहरीर पर दर्ज हुआ।


 


आरोपी लिपिक इस समय निलंबित हैं और उपनिदेशक महिला कल्याण कार्यालय गोरखपुर से संबद्ध हैं।


कोतवाली पुलिस को दी तहरीर में डीपीओ राकेश कुमार ने बताया कि सात फरवरी 2020 को निदेशक महिला कल्याण ने वित्तीय अनियमितता के आरोप में लिपिक गौरव सिंह को निलंबित कर दिया था। उनके साथ उप निदेशक महिला कल्याण बस्ती मंडल को भी निलंबित किया गया है। गौरव सिंह को गोरखपुर कार्यालय से संबद्ध किया गया है। डीपीओ ने बताया कि निलंबन के बाद उन्होंने कार्यालय का चार्ज नहीं दिया।


चार्ज न देने से विभागीय कार्य प्रभावित होने लगा। डीएम के निर्देश पर तीन सदस्यों वाली टीम का गठन हुआ। टीम ने 25 फरवरी को कार्यालय के आलमारी का ताला तोड़ कर फर्द बनाया। उसके अनुसार वेतन रजिस्टर, कैशबुक, कंटीजेसी रजिस्टर, ट्रेजरी रजिस्टर, डेड स्टाक रजिस्टर, बिल बुक आदि प्राप्त नहीं हुआ। इन रिकार्डों को प्राप्त करने के लिए कनिष्ठ लिपिक गौरव सिंह से प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। इस आरोप में कोतवाली पुलिस ने उनके खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज किया है।