झड़प में सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों द्वारा झड़प स्थल पर स्थिति सुधारने की कवायद जारी


पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के गलवान घाटी में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों के साथ सोमवार रात झड़प के दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए.


गलवान घाटी में स्टैंड-ऑफ पॉइंट पर झड़प के दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए. भारतीय सेना ने जारी बयान में कहा कि गलवान घाटी में सेनाओं के पीछे हटने की कवायद के दौरान सोमवार रात झड़प हुई और एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए.


सेना ने बताया कि तनावपूर्ण हालातों को काबू में करने के लिए दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी फिलहाल झड़प वाली जगह पर मीटिंग कर रहे हैं. दोनों देशों के सैन्य अफसरों के बीच सुबह 7.30 बजे से बैठक चल रही है.


वहीं लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन से विवाद के बाद भारतीय सेना के तीन जाबांजों की मौत के बाद मोदी सरकार एक्शन में आ गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत समेत तीनों सेना के चीफ को तलब किया. साथ ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ भी चर्चा की.


बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले काफी वक्त से लद्दाख सीमा पर विवाद जारी है. सोमवार रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई है. इस झड़प में भारतीय सेना के अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं.


असल में, पिछले कई दिनों से भारत-चीन सीमा पर विवाद जारी है. चीन लगातार कह रहा है कि वह बातचीत के जरिए मामले को सुलझाना चाहता है, लेकिन वह पीछे हटने से इनकार कर रहा है. भारत ने साफ कर दिया था कि चीन के सिपाहियों को पीछे हटना ही होगा. एलएसी पर बदली परिस्थिति को भारत स्वीकार नहीं करेगा.


बीते दिनों दोनों देशों के बीच तय हुआ था कि चीन की सेना गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, 15 और 17 ए से पीछे हटेगी. चीन सेना श्योक नदी और गलवान नदी के मुहाने तक आ गई थी. धीरे-धीरे पीछे हट भी रही थी, लेकिन पूरी तरह से पीछे नहीं हटी थी. कल निर्णय हुआ था कि चीन की सेना पूरी तरह पीछे जाएगी.