जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के 75 जगहों पर भूमि चयन हेतु डीएम ने दिया निर्देश


बस्ती| जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तैयार 75 ग्राम पंचायतों के प्रोजेक्ट के लिए चयनित भूमि का तहसील से सत्यापन कर लें। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जल जीवन मिशन की बैठक में जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने उक्त निर्देश दिये है। उन्होने कहा है कि संबंधित ग्राम प्रधान एंव लेखपाल भूमि के बारे में अविवादित होने का प्रमाण पत्र भी देंगे। 


उन्होने कहा है कि राज्य स्तरीय तकनीकी समिति को प्रोजेक्ट भेजने के पूर्व भूमि का सत्यापन अवश्यक है ताकि निर्माण के समय कोई विवाद न हो। उन्होने कहा कि इस योजना के तहत तैयार होने वाले प्रोजेक्ट में सामान्य गाॅव में लागत का 10 प्रतिशत तथा 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति, जनजाति की आबादी वाले गाॅव में 05 प्रतिशत अंशदान नकद, सामाग्री, श्रम के रूप में दिया जाना है। 


उन्होने निर्देश दिया कि इसके बारे में जानकारी देने के लिए सभी ब्लाक में ग्राम प्रधानों की कार्यशाला आयोजित करें। प्रोजेक्ट के लिए गाॅव की 80 प्रतिशत जनता को लिखित रूप में स्वकृति देना होगा ताकि समय से अंशदान प्राप्त किया जा सकें। पाईप लाईन पेयजल योजना के संचालन एंव अनुरक्षण करने का दायित्व ग्राम पंचायत का है। ग्राम पंचायत ग्राम सभा की खुली बैठक बुलाकर कम से कम 80 प्रतिशत सदस्यों की सहमति प्राप्त करेंगी। 


सीडीओ ने बताया कि जल जीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य जिले की सभी ग्रामीण बस्तियों को मार्च 2024 तक पाईप लाईन पेयजल योजना से आच्छादित करना है। इसके अन्तर्गत 55 एलपीसीडी सेवा स्तर मानक के अनुसार क्रियाशील नल संयोजन के माध्यम से स्वच्छ जलापूर्ति करना है। 


उन्होने निर्देश दिया कि नल-जल संयोजन के लिए राजमिस्त्री, पलम्बर, फिटर, इलेक्ट्रीशियन, मोटर मकैनिक की आपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्र के माध्यम से प्रशिक्षण कराये। इसमें प्रवासी कामगारों को प्राथमिकता दी जाय। 


बैठक का संचालन जिला विकास अधिकारी अजीत श्रीवास्तव ने किया। इसमें अधिशासी अभियन्ता जल निगम विशेश्वर प्रसाद, उपायुक्त मनरेगा इन्द्रपाल सिंह एवं एनआरएलएम रामदुलार, डीपीआरओ विनय सिंह, जिला कृषि अधिकारी संजेश श्रीवास्तव तथा खण्ड विकास अधिकारीगण उपस्थित रहें।