ग़ाज़ियाबाद । कोविड-19 ने जहां एक ओर दुनिया भर में कई विकट चुनौतियां पैदा की हैं, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक सौंदर्य के अद्भुत व जीवंत नजारे भी देखने को मिल रहे हैं। यकीनन कोरोना संक्रमण काल में प्रकृति का यह रूप मानवीय जीवन के लिए भले ही क्षणिक राहत वाला हो, परंतु जब संक्रमण का खतरा पूरी तरह खत्म हो जाएगा, तब क्या पर्यावरण की यही स्थिति बरकरार रह पाएगी? जब सभी देशों के लिए विकास की रफ्तार को तेज करना न केवल आवश्यक होगा, बल्कि मजबूरी भी होगी, तब क्या ऐसे कदम उठाए जाएंगे जो प्रकृति को बिना क्षति पहुंचाए सतत विकास की ओर अग्रसर हो सकेंगे।
इसी महत्वपूर्ण विषय के ऊपर चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से संबद्ध एम.एम.एच. कॉलेज, गाज़ियाबाद के वनस्पति विज्ञान विभाग एवं प्राणि विज्ञान विभाग ने दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया, जिसकी शुरुआत सरस्वती वंदना से की गई।
आयोजन सचिव डॉ. अंजलि दत्त, असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा कार्यक्रम के विषय पर प्रकाश डाला गया तथा एम.एम.एच. कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मुकेश कुमार जैन ने अतिथियों को संबोधित किया। डॉ. जैन ने कहा कि हमारी रसोई में ही इस बीमारी का इलाज है। हमें अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी होगी । साथ ही जियो और जीने दो की कला अपनानी होगी।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय की प्रो वाइस चांसलर डॉ. वाई. विमला जी कहा कि आज हर व्यक्ति को अपने दायित्व को समझना होगा। प्रथ्वी को संवारने के लिए इंसान और प्रकृति को साथ साथ चलना होगा। विशेष अतिथि के रूप में आए क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, मेरठ डॉ. राजीव कुमार गुप्ता जी ने कहा कि हमारी आयुर्वेदिक पद्धति इस कोरोना काल में सर्वोत्तम है। इसके बाद डॉ. स्नेह लता, विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान विभाग एवं डॉ. स्नेह लता गोयल, विभागाध्यक्ष, प्राणि विज्ञान विभाग ने अपने अपने विभाग की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के पहले दिन दि. 08 जून 2020 को दो विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को सम्बोधित किया।
1. डॉ. राम शर्मा, विभागाध्यक्ष, अंग्रेज़ी विभाग, जे.वी. कॉलेज, बड़ौत - साहित्य और इतिहास को जोड़ते हुए अपनी लिखी हुई रचनाओं से मनुष्य को इस समय में संतुलित रहने की कला के बारे में बताया।
2. प्रोफेसर कैरोलिन हीसिंग, आई.एम.एस.ई. विभाग, लोवा स्टेट यूनिव्सिटी, लोवा, संयुक्त राज्य अमरीका - विदेशी संस्कृति से कहीं बेहतर भारतीय संस्कृति है। प्रणाम और योग पद्धति को पूरी दुनिया ने सराहा है।
दूसरे दिन दि. 09 जून 2020 को पांच विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को सम्बोधित किया। सुबह के सत्र का संचालन डॉ अलका व्यास, संयोजक ने किया और शाम का डॉ. रीमा उपाध्याय, सह संयोजक ने।
1. डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, पद्म भूषण और पद्म श्री सम्मानित पर्यावरणविद् - जीडीपी और जीईपी के बारे में बताते हुए कहा कि हमें भोगवाद की दुनिया को छोड़ना होगा और पूर्वी सभ्यता को अपनाना होगा।
2. डॉ. शैलेन्द्र सिंह गौरव, प्रोफेसर/ विभागाध्क्ष, जेनेटिक्स व प्लांट ब्रीडिंग, सीसीएसयू मेरठ - कोरोना काल में कृषि को हुई हानि के बारे में बात की।
3. डॉ. सीमा जैन, एसोसिएट प्रोफेसर, जंतु विज्ञान विभाग, आरजी पीजी कॉलेज, मेरठ - युवा शोधकर्ताओं की परेशानियों के बारे में बताया।
4. डॉ. अभिजीत माने, असिस्टेंट प्रोफेसर, जंतु विज्ञान विभाग, आर्ट्स साइंस कॉमर्स कॉलेज, सांगली - आने वाले समय में वर्चुअल क्लास की महत्ता को समझाया और ऑनलाइन क्लास लेने के तरीके बताए।
5. डॉ. मंजू गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, मेरठ कॉलेज, मेरठ - कोरोना से बचाव के तरीके बताए और मानसिक स्वास्थ्य की बात की।
इसी दिन 10 प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र भी प्रस्तुत किए। पहले सत्र का संचालन डॉ. अनुपमा गौर, असिस्टेंट प्रोफेसर ने किया और दूसरे का डॉ. गार्गी, सह संयोजक ने।
समापन सत्र में डॉ. अंजलि दत्त ने सभी वक्ताओं, कॉलेज के सचिव महोदय, प्राचार्य, सभी वरिष्ठ प्राध्यापकों और शिक्षा संकायों का आभार प्रकट किया और अपनी पूरी टीम को सराहा। तकनीकी सहयोग के लिए श्रीमती आरती सिंह, संयोजक को धन्यवाद कहा। सत्र में एम.एम.एच. कॉलेज के प्राचार्य भी उपस्थित रहे। उन्होंने सभी आयोजकों को सफल वेबिनार के लिए बधाई दी। डॉ. प्रकाश चौधरी, अध्यक्ष एम.एम.एच. कॉलेज शिक्षक संघ ने समापन रिपोर्ट पेश की। श्रीमती आरती सिंह ने तकनीकी रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि वेबिनार में 4 देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। भारत के 23 राज्यों से प्रतिभागी हमसे जुड़े, जो करीब 281 से ऊपर विश्वविद्यालयों/कॉलेज से हैं। उन्होंने कहा कि वेबिनार पूर्णतः सफल और सार्थक रहा। चूंकि इसका लाइव प्रसारण यूट्यूब पर किया गया था तो इसको बहुत लोगों ने देखा और सराहा।उन्होंने सभी साथियों को धन्यवाद देते हुए वेबिनार की सफलता की खुशी ज़ाहिर की। अंत में डॉ. संजय सिंह, चीफ़ प्रॉक्टर ने वेबिनार के सभी आयोजकों को बधाई देते हुए कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं, अतिथियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। वेबिनार का समापन राष्ट्रगान से किया गया।