नई दिल्ली। अपने आप में हैरान कर देने वाले एक मामले में कोच्चि की कालामसरी पुलिस ने 12 साल के एक लड़के के खिलाफ 18 साल की एक युवती को प्रेगनेंट करने के आरोप में केस दर्ज किया है।
यह केस तब दर्ज किया जब लड़की ने एक प्राइवेट अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। पुलिस ने अस्पताल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
लड़की को प्रेगनेंट करने के आरोप में लड़के पर जूवेनाइल जस्टिस ऐक्ट की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जबकि अस्पताल पर आरोप है कि उसने POSCO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज) ऐक्ट का उल्लंघन करते हुए पुलिस को सूचना नहीं दी।
पुलिस का कहना है कि लड़की नाबालिग है, उसे 18 साल का होने में अभी दो महीने बाकी हैं जबकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि लड़की 18 साल की उम्र पार कर चुकी है।
अस्पताल ने अपनी सफाई में कहा, 'जब हमें बताया गया कि लड़की को 12 साल के एक लड़के ने गर्भवती किया है, तो हमने चाइल्डलाइन को इसकी जानकारी दी। केस की जानकारी देने के अलावा, 4 नवंबर को लड़की को अस्पताल से छुट्टी मिलने के साथ ही हमने उससे जुड़ी सभी फाइलें चाइल्डलाइन को सौंप दी थीं।'
वैसे चाइल्डलाइन के वॉलनटिअर्स को इस बात पर संदेह है कि 12 साल के लड़के ने लड़की को गर्भवती किया है। चाइल्डलाइन के डायरेक्टर फादर टॉमी एसडीबी ने कहा, 'अस्पताल प्रशासन ने प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, हमें 2 नवंबर को घटना की जानकारी दे दी थी। हमने इस सिलसिले में थ्रीककारा के एसीबी को सूचना दे दी थी।'
उधर कालामसरी सर्कल इन्सपेक्टर जयाकृष्णन ने कहा कि उन्हें सूचना दिए जाने से एक रात पहले ही लड़की ने बच्चे को जन्म दे दिया था। उन्होंने कहा, 'POSCO ऐक्ट की धारा 18 के तहत हमें तुरंत जानकारी दी जानी चाहिए। अस्पताल के खिलाफ ऐसा न करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है।' वहीं अस्पताल का बचाव करते हिए चाइल्डलाइन और चाइल्ड वेलफेयर कमिशन के अधिकारियों ने कहा है कि पुलिस को सूचना देना जरूरी नहीं था। यह जानकारी जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट के तहत सूचीबद्ध किसी भी ऐजेंसी को दी जा सकती थी।
इस बीच लड़की के दादा-दादी चाइल्ड वेलफेयर कमिशन के पास गए और यह कहते हुए बच्चे को उन्हें सौंप दिया कि वे उसकी परवरिश नहीं कर सकते। फिलहाल बच्चे को कमिशन के केयर सेंटर में भेजा गया है।