*बस्ती/ यूपी: रुपयों के खेल में आज भी जनपद में साल भर से ज्यादा असलहे नवीनीकरण को तरस रहे है


कोई थाने में तो कोई रास्ते मे, अब पूछा जायेगा, इन सालों से लंबित नवीनीकरण का क्या होगा योगी जी?


 बस्ती /यू पी सूबे में असलहों पर तीन साल पर हो रहे नवीनीकरण को बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है पर कई जनपद ऐसे भी है जहॉ घूस की चलन की वजह से साल भर से ज्यादा वख्त से असलहों का नवीनीकरण तक नही हो पाया है, अब नवीनीकरण को सीधा मुख्यमंत्री से पूछे जाने की बात हो रही है कि आखिर किस कारण से इतने लंबे समय तक नवीनीकरण को लंबित रखा गया है जबकि किसी कारण वश अगर प्रार्थना पत्र देयता को बुलाने की भी आवश्यकता थी तो फार्म पर सभी के मोबाइल नंबर लिखे हुए है और वह बंद भी नहीं है तो यहाँ भी सम्बंधित की दलील फेल हो जाती है, खैर बात करते है बस्ती जनपद में असलहों का नवीनीकरण ज्यादा कठिन है, यहाँ आप ट्रेजरी चालान के बाद पुलिस थानों से लेकर हर उस जगह पर भटकते रहिये जहाँ-जहाँ आपके लाइसेंस को दस्तखत व मोहर की जरूरत है, बगैर चढ़ावे के आपका शस्त्र लाइसेंस एक सीढी भी चढ़ जाए ये मुमकिन नही है, जनपद बस्ती में शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण में चढ़ावे की पद्धति पुरानी है यहाँ चौकी थाने, आरमोरर से लेंकर हर कोई घूस की राह तकता है, घूस नही मिला तो शस्त्र का नवीनीकरण सालों तक लटका दिया जाता है, आला अधिकारियों के संज्ञान में रहते हुए भी संबंधित आला अधिकारी इन भ्र्ष्टाचार में डूबे हुए इस कार्य के कार्यवाहक कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही करने की हिम्मत नही करते, महोदय खबर हवा में नही है, जनपद के पुलिस अधीक्षक वर्षो से लंबित नवीनीकरण की फाइल के माध्यम से जाँच कर सकते है कि आखिर क्यों नवीनीकरण को लंबित रखा गया है, जबकि लाइसेंस धारक के विरुद्ध मुकद्दमा तो दूर का विषय है, एक एनसीआर तक दर्ज नही है.


।।नरेन्द्र पंडित।