उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अलग-अलग प्रदेशों से लौटे प्रवासियों को रोजगार देने के लिए प्रवासी कमिशन का गठन किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के प्रवासियों को रोजगार देने के इच्छुक अन्य राज्यों को यूपी सरकार की मंजूरी लेनी होगी. सरकार के आंकड़े के मुताबिक, अबतक 23 लाख कामगार और श्रमिकों की वापसी हुई है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में प्रवासी आयोग बनाया जाएगा, जो घर लौटे मजूदरों को उनके कौशल के अनुसार उन्हें रोजगार प्रदान करेगा. श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जा रही है. सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि स्किल मैपिंग में मिले डेटा के आधार पर श्रमिकों और कामगारों को अलग-अलग सेक्टरों में लगाने का प्रयास शुरू कर दिया जाए.
रविवार को कोरोना को लेकर बनाई गई टीम-11 की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कामगारों और श्रमिकों को रोजगार देने के लिए एक प्रवासी आयोग गठित करने की रूपरेखा बनाई जाए. इसके तहत कामगारों व श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जाए और उनका सारा ब्यौरा इकट्ठा किया जाए, जिसके बाद उन्हें रोजगार देकर मानदेय दिया जाए.
बताया जा रहा है कि कृषि विभाग और दुग्ध समितियों में ऐसे श्रमिकों व कामगारों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध करवाया जा सकता है. इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मजदूरों को राज्य स्तर पर बीमा का लाभ देने की व्यवस्था की जाए. इससे उनका जीवन सुरक्षित हो सकेगा. ऐसी कार्य योजना तैयार की जाए, जिससे उनको जॉब सिक्योरिटी मिल सके.
पूरे प्रदेश में क्वारनटीन किए गए प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग शुरू हो गई है. अब तक दो लाख से अधिक मजदूरों का आंकड़ा जुटाया जा चुका है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में करीब 18 लाख मजदूरों का प्रवासी श्रमिक पोर्टल पर पंजीकरण किया गया है. इसमें 93 से ज्यादा श्रेणियां बनाई गई हैं.