यूपी में पहले दिन 300 करोड़ से ज्यादा की शराब बिकी,43 दिनों बाद दुकानें खुलीं तो टूट पड़े लोग, शाम 7 बजे ही खत्म माल


लखनऊ
लॉकडाउन का तीसरा फेज झेल रहे लखनऊ शहर का नजारा सोमवार सुबह से ही बदला हुआ दिखा। खाली रहने वाली सड़कों पर सुबह सात बजे से ही लोगों की चहलकदमी शुरू हो गई। कोई झोला तो कोई कैरी बैग लेकर शराब की दुकान की ओर जाता दिखा। दुकानदारों ने भी पूरी तैयारी कर रखी थी। चूने से गोले और रस्सियों से घेराबंदी की गई थी। 10 बजते ही दुकानों के शटर खुले तो लोग शराब खरीदने टूट पड़े। छुट्टे की दिक्कत न हो इसलिए लोग कीमत जोड़कर रकम लाए थे।
अलीगंज, महानगर, हसनगंज, हजरतगंज, ठाकुरगंज, कैसरबाग, आलमबाग, सुशांत गोल्फ सिटी, पीजीआई, काकोरी, मोहनलालगंज, गोमतीनगर, विभूतिखंड, चिनहट सहित कई जगहों पर कहीं आठ तो कहीं नौ बजे से पहले ही शराब खरीदने वालों की लाइन लग गई। कई इलाकों में तो लाइन आधे से एक किमी तक लंबी थी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। नरही में खुद डीसीपी (सेंट्रल) दिनेश सिंह को लाठी लेकर उतरना पड़ा। कई जगह लोगों ने नियमों की धज्जियां उड़ा दीं।
300 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री
शराब कारोबारियों की मानें तो यूपी में सोमवार को 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की शराब और बियर बिकी। लखनऊ में साढ़े छह करोड़ रुपये से ज्यादा की शराब बिकी। यूपी लिकर सेलर वेलफेयर असोसिएशन के महासचिव कन्हैया लाल मौर्य का कहना है कि गौतमबुद्धनगर, मुजफ्फनगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, प्रयागराज जैसे दर्जन भर जिलों में पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की शराब सोमवार को बिकी
अब एक बार में 1 बोतल ही मिलेगी
43 दिनों बाद दुकानें खुलीं तो लोग स्टॉक करने के लिए बड़ी मात्रा में शराब खरीदने लगे। इसकी जानकारी मिली तो आबकारी विभाग ने लिमिट तय कर दी। तय लिमिट के मुताबिक एक व्यक्ति को एक दिन में 750 एमएल की एक बोतल, दो अद्धे या तीन पौवे ही दिए जाएंगे। बियर की दो बोतलें या तीन केन बीयर ही एक बार में खरीदे जा सकेंगे। हालांकि इस ऑर्डर की जानकारी होते-होते ज्यादातर दुकानों पर शराब खत्म हो गई थी और दुकानें शाम 7 बजे से पहले ही बंद हो गईं। ज्यादा तेजी से बिक्री होने कारण कई दुकानों में माल खत्म हो गया जबकि थोक दुकानों से माल रिलीज नहीं किया गया।
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
शराब की दुकान खोलने का फैसला कुछ नियमों और शर्तों पर हुआ था। अगर उनका उल्लंघन हो रहा है तो इसका संदेश अच्छा नहीं है। ऐसे हालात में जब सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए बाज़ार में बच्चों की कॉपी-किताब की दुकान तक बंद रखी जा रही हो, शराब की दुकानों पर लग रहा मेला डरावना है। सरकार को इस पर पूरी सख्ती बरतनी होगी।