PPE और एन95 मास्क के उत्पादन के मामले में भारत दूसरे नंबर पर पहुंच गया


नई दिल्ली । पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना संकट से जूझ रही है। कोरोनावायरस का प्रकोप भारत में भी लगातार बढ़ता जा रहा है। इन सबके बीच कोरोना के खिलाफ जंग के लिए कई वस्तुओं की आवश्यकता होती है। चुकी कोरोना संक्रमण वाली बीमारी है। ऐसे में इस से लड़ाई के लिए PPE यानि Personal Protection Equipment और मास्क की बेहद जरूरत होती है। भारत में जब यह संक्रमण फैला तो देश में पीपीई किट की भयंकर कमी थी। राज्य सरकारें भी केंद्र सरकार के भरोसे पर थी कि वहां से PPE किट प्रदान किए जाएंगे। भारत ने शुरुआत के दिनों में चीन जैसे देशों से भी PPE मंगवाए। हालांकि फिर भी इस बात की शिकायत मिलती रहती थी कि यहां-वहां PPE किट की कमी है जिससे कि डॉक्टर और कोरोना योद्धा को इस महामारी से लड़ने में दिक्कतें आ रही हैं और उनकी जान जोखिम में है।


 


फिलहाल पीपीई किट से जुड़ी हुई एक खबर आप को राहत प्रदान कर सकती हैं। दरअसल पीपीई किट का उत्पादन भारत में रिकॉर्ड स्तर पर हुआ है। जानकारी के मुताबिक PPE और एन95 मास्क के उत्पादन के मामले में भारत दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के काम आने वाली पीपीए किट बनाने के मामले में भारत के आगे अब बस चीन है। देश में हर रोज लगभग दो लाख के आसपास PPE तैयार हो रहे हैं। पहले एन95 मास्क भारत में नहीं बनाए जाते थे लेकिन जब इसकी जरूरत पड़ी तो भारतीय कंपनियां प्रतिदिन सवा दो लाख मास्क बना रही हैं।
 


जानकारी के मुताबिक देश में फिलहाल छह कंपनियां एन95 मास्क तैयार कर रही हैं। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में कुछ और भी कंपनियां इस काम में जुट सकती हैं। अगले 15 दिनों में यह उम्मीद जताई जा रही है कि PPE और मास्क के बनाने की क्षमता दोगुनी हो सकती है। भारत अब PPE और एन95 के उत्पादन को देखते हुए अब इसे निर्यात भी करने की कोशिश करेगा क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है। हालांकि इस पर फिलहाल सिर्फ विचार ही किया जा रहा है। पहली प्राथमिकता देश में जरूरतों को पूरा करना है। कोरोना जैसी महामारी के बीच भी भारत ने दुनिया को सहयोग दिया है।
 
अब से लगभग एक महीना पहले हमें PPE और एन95 मास्क के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था। जब देश में कोरोना महामारी फैल रहा था तो हम लगातार इन जरूरी चीजों की दिक्कतों से जूझ रहे थे। एक और कारण यह था कि पीपीपी के लिए इस्तेमाल होने वाला फैब्रिक भारत में पहले बनता ही नहीं था। ऐसे में भारत पर अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए चीन से इन चीजों का आयात कर रहा था। 15 अप्रैल के बाद PPE और एन95 मास्क देश में पहुंचने लगे। हालांकि चीन द्वारा भेजे जा रहे इन उपयोगी चीजों में कई खामियां भी निकल रही थी जिससे देश को तो नुकसान हो ही रहा था साथ ही साथ हमारी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही थी। जब भारत में PPE और एन95 मांस का उत्पादन होने लगा तो यह हमारे इस महामारी के समय में भी स्वालंबन का प्रतीक बन गया है।