गोरखपुर, युवक की रिपोर्ट आई निगेटिव,अस्पताल से छोड़ दिया,पिता की आई पोजिटिव फिर तलाश शुरू, तबतक सैकड़ों लोगों से मिल चुका था


गोरखपुर,। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के प्रति संवेदनशीलता में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। टीबी अस्पताल में क्वारंटाइन किए गए कोरोना पॉजिटिव नेपाली नागरिक के बेटे का नमूना रिपोर्ट निगेटिव आया तो उसे शुक्रवार की रात घर भेज दिया गया। बाद में जब पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई तो बेटे को आनन-फानन में फिर क्वारंटाइन कराया गया है। इस दौरान वह करीब 30 घंटे तक कॉलोनी से लेकर घर तक घूमा।


बिछिया मोहल्ले के सर्वोदय नगर व आजाद नगर कॉलोनी के चार परिवार क्वारंटाइन किए गए हैं। इनमें एक किराना स्टोर संचालक व सब्जी विक्रेता का परिवार भी शामिल है। पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम सर्वोदय नगर व आजाद नगर में कैंप कर रही है। कॉलोनी में सैनिटाइजेशन का कार्य चल रहा है। दोनों कॉलोनियों के सभी घरों के लोगों की जांच के साथ ही एंट्री प्वाइंट पर बैरियर लगा दिया गया है।


ऐसे बिगड़ा मामला


सर्वोदय नगर का रहने वाला नेपाली मूल का एक परिवार फरवरी में मुंबई गया था। परिवार के मुखिया का मुंबई के एक अस्पताल मेंं कैंसर का इलाज चल रहा है। लॉकडाउन होने से परिवार मुंबई में ही फंस गया। बाद में 28 अप्रैल को एक प्राइवेट एंबुलेंस से चलकर परिवार 30 अप्रैल को गोरखपुर पहुंचा। टीबी अस्पताल में पूरे परिवार को क्वारंटाइन कराया गया। शुक्रवार की सुबह सबसे पहले परिवार के एक युवा सदस्य की रिपोर्ट जब निगेटिव मिली तो डॉक्टरों ने उसे घर जाने की इजाजत दे दी। मामला तब पलट गया जब रात में युवक के पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। फिर तो प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सकते में आ गए।


उसके बाद जब युवक की तलाश शुरू हुई तो वह अपने घर में मिला, जहां उसकी दो बहनें मां और एक छोटा भाई भी था। पूछताछ में पता चला कि युवक आजाद नगर कॉलोनी में एक दोस्त से मिलने भी गया था। साथ ही उसने शुक्रवार की शाम एक किराना स्टोर और सब्जी की दुकान से भी खरीदारी भी की थी। उसके बाद युवक के सीधे संपर्क में आए आजाद नगर निवासी मित्र के परिवार के सदस्यों, किराना स्टोर संचालक ओर सब्जी विक्रेता के परिवार को क्वारंटाइन कर दिया गया। यहां तक कि नेपाली नागरिक के घर में रह रहे परिवार को भी क्वारंटाइन किया गया है।


युवक की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है, ऐसे में उसके चलते कोई खतरा नहीं है। फिर एहतियात के तौर पर उसे फिर से भर्ती कर लिया गया है। – श्रीकांत तिवारी, सीएमओ


भारी पड़ सकती है यह लापरवाही


बाहर से आ रहे प्रवासियों की लापरवाही गोरखपुर सहित आसपास के जिलों पर भारी पड़ सकती है। सैकड़ों लोग रोज बड़हलगंज के रास्ते प्रवेश कर रहे हैं और मालवाहक गाडिय़ों से अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं। इनमें से कई लोगों की जांच हो रही है तो कई प्रशासन को चकमा देकर बिना जांच के ही निकल जा रहे हैं। यह सिलसिला पिछले कई दिनों से चल रहा है। गोरखपुर एवं आसपास के जिलों में लाए जा रहे प्रवासियों की जांच के लिए सहजनवां के निकट कसरवल बॉर्डर पर व्यवस्था की गई है। प्रशासन का पूरा ध्यान भी इसी ओर लगा है। लेकिन दक्षिण भारत के राज्यों से आने वाले कई प्रवासी वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से भी आ रहे हैं। बड़हलगंज संवाददाता के अनुसार कस्बे में लोग अपनी व्यवस्था से पहुंच रहे हैं। यहां मौजूद पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम स्वास्थ्य परीक्षण करने की कोशिश कर रही है। लेकिन कई प्रवासी चकमा देने में भी कामयाब हो जा रहे हैं। प्रशासन के अनुसार 27 अप्रैल से शनिवार तक करीब तीन हजार से अधिक श्रमिकों व राहगीरों की थर्मल स्कैनिंग हुई है। शनिवार को कुल 860 लोगों की स्कैनिंग हुई।