बस्ती ,उत्तर प्रदेश , 27 मई एंबुलेंस चालक व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन द्वारा कोरोना संदिग्ध व कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों को हॉस्पिटल लाया जाता है हॉस्पिटल में मरीज को भर्ती कराने के बाद मरीज भर्ती कराने के बाद पी पी ई किट एंबुलेंस चालक व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन द्वारा सड़कों के किनारे फेंक दिया जाता है
ताजा मामला बस्ती जिले के सोनू पार से कैली रोड दौलतपुर गांव के पास का है जहां सड़क के किनारे पीपी ई किट फेंका मिला गांव के किनारे पीपी ई किट मिलने के बाद ग्रामवासी डरे हुए हैं उनका कहना है कि हमारे गांव में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है और ग्रामीणों ने बताया कि कुछ पीपीई किट रामपुर मेडिकल कॉलेज बस्ती जाने वाली रोड के किनारे भी फेंका गया है जबकि मरीज भर्ती कराने के बाद पीपीई किट को हॉस्पिटल में ही डिस्ट्रॉय कर देना होता है ताकि संक्रमण कहीं और कही न फैले लेकिन बस्ती जिले के स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही के चलते इसका खामियाजा जनता को बड़ी कीमत देकर चुकाना पड़ सकता है अब देखना है जिम्मेदार अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं,
हरि ओम प्रकाश