विमान सेवाएं शुरू होने पर यात्रियों को अपने साथ हेल्थ सर्टिफिकेट लेकर चलना पड़ सकता है


नयी दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी और अब लॉकडाउन 2.0 की अवधि भी पूरी होने जा रही है। हालांकि लॉकडाउन को 3 मई से आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं। इस विषय पर केंद्र सरकार ने अभी कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालांकि, जब लॉकडाउन खुल जाएगा और विमान सेवाएं बहाल होंगी तब कई तरह के बदलाव देखे जा सकते हैं।


विमान सेवाएं शुरू होने पर यात्रियों को अपने साथ हेल्थ सर्टिफिकेट लेकर चलना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त यात्रियों को यात्रा के दौरान मास्क, ग्लव्स और डिस्पोजेबल कैप भी पहनना पड़ सकता हैं। 


एयरपोर्ट पर चेक होगा तापमान


लॉकडाउन खुलने के बाद हवाई सेवाओं को कैसे बहाल किया जाए इसको लेकर केंद्र सरकार ने एक टेक्निकल कमिटी का गठन किया है। जो संक्रमण को ध्यान में रखते हुए यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बना रही है।


अंग्रेजी अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक विमान नागर मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस कमिटी में एयरपोर्ट्स, एयरलाइन कंपनियों, डीजीसीए के अधिकारी और डॉक्टर शामिल हैं। 


कोरोना वायरस के बढ़त प्रकोप को रोकने के लिए सामाजिक दूरी का खासा ख्याल रखा जा रहा है। ऐसे में फ्लाइट की बीच वाली सीट को खाली रखने का सरकार ने आदेश दिया था। लेकिन सरकार के इस फैसले का विमान कम्पनियों ने विरोध किया था और कहा था कि मिडिल सीट खाली रहने से आमदनी पर असर पड़ेगा।


ऐसे में माना जा रहा है कि कमिटी मिडिल सीट को बुक करने की इजाजत देने के लिए सरकार से सिफारिश कर सकती है। जो विमान कम्पनियों के लिए राहत की बात होगी। 


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सामाजिक दूरी के तहत जो 6 फिट की शारीरिक दूरी बनाने के नियम बनाए थे वह मिडिल सीट के खाली रहने से पूरे नहीं होंगे। अगर मिडिल सीट खाली रहती है तो फिर यात्रियों के बीच महज 2 फिट की ही दूरी ही होगी। ऐसे में हमारा पूरा ध्यान कोराना के रोकथाम के नियम लागू करने में है। ताकि सुरक्षित हवाई यात्रा को सुनिश्चित किया जा सके।