लखनऊ:-मेडिकल कालेज में प्लाज्मा थैरेपी शुरू, कोरोना से मुक्त हुए डॉक्टर तौसीफ खान ने खुद का खून किया डोनेट


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में प्लाज्मा थेरेपी की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। यहां के रेजीडेंट डॉक्टर तौसीफ ख़ान पहले ऐसे शख़्स हैं, जिन्होंने अन्य मरीजों की जान बचाने के लिए खुद का ब्लड डोनेट किया है। डॉक्टर तौसीफ ख़ान इसी अस्पताल से हैं और वह कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। ठीक होने के बाद उन्होंने फैसला किया कि, वह रमज़ान के पहले रोज़े में अपना रक्त दान करेंगे। अब उनका रक्त कोरोना के 2 गंभीर मरीजों की जान बचाने में काम आएगा।


डॉ. तौसीफ खान कोरोना से कैसे मुक्त हुए, इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, जब मेरी रिपोर्ट में आया कि मैं कोरोना से संक्रमित हूं, तो उस दौरान बिल्कुल नहीं घबराया था। क्योंकि मैं जिस क्षेत्र में काम करता हूं, कहीं न कहीं जानता था कि कोरोना से संक्रमित हो सकता हूं। हम डॉक्टर्स डरकर काम नहीं करते हैं। अगर डरकर काम करेंगे तो काम नहीं होगा। जब मेरी कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तब मैं 21 दिनों के लिए आइसोलेशन में चला गया। जिसके बाद फिर जब मेरी कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आई, तो मैं अपने घर लौटा।


'आज मैं बिल्कुल ठीक हूं, लेकिन वो समय भी था, जब मेरा टेस्ट पॉजिटिव आया। हालांकि, मुझे हैरानी नहीं हुई थी, क्योंकि हम सभी डॉक्टर्स जानते हैं, यदि हम ऐसे डिपार्टमेंट में काम करते हैं, जहां कोरोना के मरीज हैं तो हमें कोरोना होने की संभावनाएं रहती हैं। जब मेरे साथियों को पता चला कि मुझे कोरोना ने जकड़ लिया है तो मुझे मेरे घरवालों से दूर कर दिया गया था। मैं उनका आभार जताता हूं।'


बता दें कि, डॉ तौसीफ खान वही डॉक्टर हैं, जिन्होंने लखनऊ के पहले कोरोना वायरस मरीज का इलाज किया था। तौसीफ उस मरीज के संपर्क में आकर ही कोरोना वायरस के शिकार हुए थे। बहरहाल तौसीफ दुबारा अस्पताल में काम पर लौट आए हैं।