क्या लाक डाउन बढ़ सकता है ,क्या पीएम मोदी ने दिए हैं ऐसे संकेत


नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन में अब तक देश के लोगों की ओर से दिखाए गए विवेक की सराहना की है। लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने जो संकेत दिए हैं, उससे एक बार यह चर्चा फिर से जोड़ पकड़ सकती है कि कहीं लॉकडाउन की समय-सीमा 14 अप्रैल से और आगे बढ़ाने पर मंथन तो नहीं चल रहा है। वैसे अब तक आधिकारिक रूप से सरकार ने इसका खंडन ही किया है। लेकिन, पीएम मोदी के भाषण के भाव को पढ़ने की कोशिश करें तो उस संभावना से पूरी तरह इनकार भी किया नहीं जा सकता। गौरतलब है कि जनता कर्फ्यू से पहले भी उन्होंने देशवासियों से कुछ हफ्ते मांगा था और बाद में तीन हफ्ते का लॉकडाउन शुरू हो गया था। अबकी बार वो इसे लंबी लड़ाई कह रहे हैं।


भारतीय जनता पार्टी के 40वें स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यकर्ताओं को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान अब तक देश के लोगों की ओर से दिखाए गए संयम की सराहना की है। लेकिन, इसके साथ उन्होंने यह कह कर कि ये लड़ाई लंबी है, कई तरह की अटकलों को हवा दे दी है। पीएम मोदी के संकेतों पर कुछ चर्चा करें उससे पहले जान लेते हैं कि उन्होंने कहा क्या है। पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के प्रकोप के खिलाफ देशवासियों की ओर से रविवार रात घरों की रोशनी बंद करके और मोमबत्ती और दीया जलाकर दिखाई गई एकजुटता की चर्चा करते हुए कहा है कि, '130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का महाप्रयास और उससे जन्मे महाप्रकाश ने देशवासियों को लंबी लड़ाई के लिए तैयार किया है..... और मैं समझदारी के साथ कहता हूं कि ये लंबी लड़ाई है। न थकना है, न हारना है। लंबी लड़ाई के बावजूद भी जीतना है। विजयी होकर के निकलना है। आज देश का लक्ष्य एक है, मिशन एक है और संकल्प भी एक ही है। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में विजय। लड़ाई में जीत।'
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इस दौरान पीएम मोदी ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए भारत ने समय रहते चौतरफा कोशिशें शुरू कर दी थी, जिसकी सराहाना सिर्फ भारतीय ही नहीं कर रहे है, बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनिया भर के देशों ने भी की है। पीएम मोदी ने कहा है, 'कोरोना वैश्विक महामारी से निपटने के लिए भारत के अब तक के प्रयासों ने दुनिया के सामने एक अलग ही उदाहरण प्रस्तुत किया है। भारत दुनिया के उन देशों में है जिसने कोरोना वायरस की गंभीरता को समझा और समय रहते इसके खिलाफ एक व्यापक जंग की शुरुआत की। भारत ने एक के बाद एक अनेक निर्णय किए। उन फैसलों को जमीन पर उतारने के लिए भरसक प्रयास किया। कोई कमी नहीं रहे इसके लिए सभी सरकारों को साथ लेकर चलने की चिंता की है। और जैसा कि आप जानते हैं कि ये एक ऐसी बीमारी थी जिसके बारे कुछ पता नहीं था। तब जो भी जरूरी निर्णय की जरूरत पड़ी एक्सपर्ट की मदद से करते रहे।...........भारत ने जितनी तेजी से, जिस समग्रता से होलिस्टिक अप्रोच के साथ काम किया है, आज उसकी प्रशंसा सिर्फ भारत में ही नहीं, विभिन्न राष्ट्रध्यक्षों से मेरी बात होती रहती है,सभी ने हमारे प्रयासों की सराहना की है। '


पीएम मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा है कि किसी की मदद को जाते समय फेस कवर जरूर लगाएं। जरूरी नहीं है कि डॉक्टरों वाला मास्क ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि घर में रहते हुए भी लोग अपने फेस को कवर रखें। पूरी दुनिया आज सोशल डिस्टेंसिंग अपना रही है, यही हम भारतीयों का भी अनुशान होना चाहिए।