कोरोना ने बदल दी सदियों पुरानी परंपरा,1.3 अरब ईसाइयों को रिकॉर्डेड मैसेज से संदेश देंगे पोप


दुनिया भर में फैले लगभग 1 अरब 30 करोड़ कैथोलिक ईसाइयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस सदियों की पुरानी परंपरा को तोड़ने हुए ईस्टर के मौके पर अपने संदेश का लाइव प्रसारण करेंगे और ईसाइयों के बेहद पवित्र त्योहार को मनाएंगे. कोरोना के आक्रमण से यूरोप अमेरिका समेत कई देश त्राहि त्राहि कर रहे है. इसके साथ दुनिया में धर्म और आस्था को मानने और इसे पालन करने का तरीका भी बदल रहा है.


बता दें कि वेटिकन चर्च के पोप हर साल सेंट पीटर स्क्वायर से दुनिया भर के ईसाइयों को संबोधित करते हैं. पिछले लगभग 50 सालों से ये परंपरा जारी है. इस दौरान वहां भारी संख्या में ईसाई जुटते हैं और अपने सबसे बड़े धर्मगुरु के संदेश को सुनते हैं. पिछले साल इस कार्यक्रम के दौरान 70000 लोग जमा हुए थे. लेकिन इस बार पोप फ्रांसिस कोरोना की वजह से रिकॉर्डेड संदेश के जरिए दुनिया भर के ईसाइयों को संबोधित करेंगे.
जब कैमरा बना एक मात्र दर्शक
पोप फ्रांसिस जब अपने संदेश को रिकॉर्ड कर रहे थे तो उनका एक मात्र दर्शक कैमरा था. उन्होंने कहा कि ये पूरा अनुभव पिंजरे में कैद होने जैसा लग रहा था. वेटिकन इटली के पड़ोस में स्थित एक बेहद छोटा सा देश है. कोरोना की वजह से वेटिकन के प्रवेश द्वार को बंद कर दिया गया है. यहां आर्मी का पहरा है.
सृजनात्मक क्षमता का विकास करें
पोप फ्रांसिस ने दुनिया भर के लोगों से कहा है कि घरों में बंद होकर या तो हम डिप्रेशन में आकर अलग-थलग हो सकते हैं या फिर अपनी सृजनात्मक क्षमता का विकास कर सकते हैं.
मृत्यु के चीत्कार को शांत करें
पोप फ्रांसिस ने एक ट्वीट में कहा, "आइए हम सब मिलकर मृत्यु के चीत्कार को शांत करें, अब और युद्ध नहीं, क्योंकि हमें रोटियां चाहिए, बंदूकें नहीं, निर्दोष लोगों की हत्याएं और गर्भपात रुकने चाहिए, इस वक्त में उन लोगों के अपने दिल खोल देने चाहिए जिनके पास इस मुश्किल घड़ी में खाने-पीने के लिए पर्याप्त चीजें नहीं हैं." पोप फ्रांसिस ने कहा कि ये एकांत का वक्त आत्ममंथन का है और एक नई शुरुआत करें.