भारत ने एफ डी आई को लेकर बनाए नियम,चीन को क्यों मिर्ची लगी, उतारी अपनी भड़ास


चीन की ये छटपटाहट दिखा रही है कि भारत के लिए उसकी मंशा ठीक नहीं है। आखिर सरकार ने सिर्फ इतना ही तो कहा है कि निवेश से पहले सरकार को बताना होगा और मंजूरी लेनी होगी, इसमें गलत क्या है? लेकिन चीन की बौखलाहट ने उसके गलत इरादों का पर्दाफाश करने का काम किया है।दरअसल, अभी तक कुछ मामलों जैसे डिफेंस, टेलिकॉम, मीडिया, फार्मास्युटिकल्स और इंश्योरेंस को छोड़ दें तो एफडीआई यानी विदेशी निवेश को सरकार की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होती थी। अब सरकार ने नियम बनाया है कि भारत से सीमाएं साक्षा करने वाले देशों से भारत में निवेश बिना सरकार की मंजूरी के नहीं होगा, चाहे वह किसी भी सेक्टर में हो।


चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि कुछ खास देशों से प्रत्यक्ष विदेश निवेश के लिए भारत के नए नियम डब्ल्यूटीओ के गैर-भेदभाव वाले सिद्धांन्त का उल्लंघन करते हैं और मुक्त व्यापार की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ हैं। अधिकारी ने कहा कि 'अतिरिक्त बाधाओं' को लागू करने वाली नई नीति G20 समूह में निवेश के लिए एक स्वतंत्र, निष्पक्ष, गैर-भेदभावपूर्ण और पारदर्शी वातावरण के लिए बनी आम सहमति के खिलाफ भी है।

चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने एक बयान में कहा, 'भारतीय पक्ष द्वारा विशिष्ट देशों से निवेश के लिए लगाई गई अतिरिक्त बाधाएं डब्ल्यूटीओ के गैर-भेदभाव वाले सिद्धांन्त का उल्लंघन करती हैं, और उदारीकरण तथा व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ हैं।


भारत ने जो नियम बनाए हैं, उन पर चीन ने कहा है कि कुछ खास देशों पर प्रतिबंध लगाना वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के नियमों का उल्लंघन है। देखा जाए तो भारत के नए नियम सिर्फ चीन ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार और भूटान पर भी तो लागू होते हैं, लेकिन दिक्कत सिर्फ चीन को हो रही है।

वैसे चीन ने किया क्या, जिसके चलते ये नियम बना
चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने हाउसिंग लोन देने वाली भारत की दिग्गज कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC) के 1.75 करोड़ शेयर खरीदे हैं। लॉकडाउन के बीच एचडीएफसी लिमिटेड के शेयरों में 32.29 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। जनवरी में इसका शेयर करीब 2500 रुपए का था, जो अब 1600 रुपए का हो गया है। इसी बीच मौके का फायदा उठाते हुए चीन ने एचडीएफसी लिमिटेड के बहुत सारे शेयर खरीद लिए हैं। BSE से मिली जानकारी के मुताबिक इन निवेश के बाद अब एचडीएफसी लिमिटेड में में चीनी केंद्रीय बैंक की हिस्सेदारी 1.01 फीसदी हो गई है। चीन के इसी कदम के बाद भारत सतर्क हुआ है।