अमेठी:-सैकड़ों बंदर भूख से बेहाल, लाई-चने की बोरियां व पूड़ियां लेकर आए एमएलसी ने बंदरो का पेट भरा



पीअमेठी में कादूनाला जंगल के सैकड़ों बंदर भूख से बेहाल,  लाई-चने की बोरियां व पूड़ियां लेकर एमएलसी को घेरा





लॉकडाउन ने अमेठी के कादूनाला जंगल के सैकड़ों बंदरों को बेहाल कर दिया है। पेट की आग बुझाने के लिए इन बंदरों को भोजन नहीं मिल पा रहा है। जंगल के बीचोंबीच से गुजरने वाले लखनऊ-वाराणसी हाइवे के भी राहगीरों से सूना हो जाने के कारण इन बेजुबानों की मुश्किलें दूनी हो गईं हैं । क्योंकि पहले इधर से गुजरने वाले राहगीर सड़क की पटरियों पर बैठे बंदरों को अक्सर केले और गुड़ आदि खिलाते पिलाते रहते थे। मंगलवार को सुल्तानपुर से एमएलसी शैलेन्द्र प्रताप सिंह अपने साथियों के साथ कादूनाला पहुंचे। देखते ही देखते सैकड़ों वानरों के समूह ने उन्हें घेर लिया। मानो अपनी पीड़ा बयां कर रहे हो।..लेकिन सिंह भी तैयारी से थे। दो बोरियों में लाई-चने और २५ किलो आटे से बनी पूड़ियां लेकर पहुंचे थे। घंटों तक वे प्रधान संघ अध्यक्ष संत शरण सिंह, बीडीसी सदस्य हनुमान जायसवाल, कुलवंत सिंह पिंडारा व आजाद समाज सेवा समिति के अध्यक्ष अशोक सिंह आदि के साथ बानरों को इत्मीनान से खिलाते रहे। कई दिनों के भूखे बंदरों ने भी छक कर खाया।


पांच किमी की परिधि में फैला है कादूनाला


मुसाफिरखाना तहसील के करीब पांच किलोमीटर दायरे में फैला है कादूनाला वन प्रक्षेत्र। जिसमें बड़ी संख्या में बंदर, लंगूर, हिरण, सूकर व वनरोज आदि जीव जंतु रहते हैं। इसी वन प्रक्षेत्र के बीच से हाइवे गुजरने की वजह से लाकडाउन के दौरान गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। क्योंकि हाइवे बंद है। आने जाने वाले लोगों पर ही जीवजंतुओं खासकर वानरों का भोजन निर्भर करता था।