नई दिल्ली। जगन्नाथ का भात जगत पसारे हाथ।दान और चढ़ावे में भगवान को हर साल करोड़ों रुपये मिलते हैं. जगन्नाथ जी के नाम पर कई जगहों पर जमीन भी है. इस पर कहीं दुकानें बनी हैं तो कहीं माइनिंग होता है. इसका पैसा भी भगवान के खाते में जाता है. देश का जाना माना यस बैंक अब आर्थिक संकट में फंस गया है. पचास हज़ार से ऊपर बैंक से निकालने पर रोक लगा दी गई है. बैंक को एसबीआई ने टेक ओवर कर लिया है.
मंदिर के पुजारी ने कहा- दोषी अफसरों पर कार्रवाई हो
देश भर के खातेदार परेशान हैं. अब परेशान तो जगन्नाथ जी के भक्त भी हो गए हैं, जिनके भगवान का पैसा यस बैंक में फंस गया है. समाजवादी पार्टी के ओडिशा अध्यक्ष रवि बेहरा ने सीएम नवीन पटनायक को चिट्ठी लिखी है. पीएम नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी इस मामले में दखलअंदाजी देने की मांग की गई है. मंदिर के पुजारी इप्सित प्रतिहारी कहते हैं कि दोषी अफ़सरों पर भी कार्रवाई हो.
पहले एसबीआई और इलाहाबाद बैंक में जमा होता था चढ़ावा
पुरी के जगन्नाथ मंदिर की देख रेख के लिए ओडिशा में अलग से एक मंदिर प्रशासन विभाग बना है. एक सीनियर आईएएस अफ़सर इसके प्रमुख होते हैं. तीन साल पहले पी के महापात्र इसके प्रशासक हुआ करते थे. उनके जमाने में ही जगन्नाथ जी के नाम पर यस हाथ में खाता खोला गया था. उससे पहले मंदिर का चढ़ावा और दान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और इलाहाबाद बैंक में जमा होता था.
ओडिशा के कानून मंत्री ने कहा- मंदिर का पैसा सुरक्षित है
ओडिशा के क़ानून मंत्री प्रताप जेना ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि मंदिर का पैसा सुरक्षित है. किसी को घबड़ाने की कोई ज़रूरत नहीं है. जगन्नाथ मंदिर की देख रेख में पैसे की कोई कमी नहीं आएगी. जून के महीने में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकलती है. देश विदेश से लाखों श्रद्धालु पुरी आते हैं. अगले महीने अक्षय तृतीया से रथ बनाने का काम शुरू हो जाएगा.