रंजन गोगोई ने शपथ ली विपक्ष ने किया हगामा, गोगोई ने कहा यही लोग बाद मे मेरा स्वागत करेगे


नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई  ने आज राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामांकित किया था.
इस दौरान विपक्ष के कुछ सांसदों ने सदन में  हंगामा किया. गोगोई जब शपथ ले रहे थे, तब विपक्ष के कुछ सांसद शेम-शेम के नारे लगाने लगे और फिर सदन से बाहर चले गए.
इस पूरे मामले पर राज्यसभा सांसद हो चुके पूर्व चीफ जस्टिस गोगोना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'जो लोग मेरा विरोध कर रहे हैं, वे जल्द ही मेरा स्वागत भी करेंगे'. 
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का राज्यसभा में मनोनयन के फैसले को लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता मधु किश्वर द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजे जाने के फैसले से न्यायपालिका की स्वायत्तता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गया है, इसलिए इसपर रोक लगाया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किए जाने के बाद विपक्ष काफी हमलावर दिखा. ऐसे में रंजन गोगोई ने मंगलवार को कहा था कि पहले मुझे शपथ ले लेने दीजिए फिर मैं मीडिया से विस्तार में बात करूंगा कि मैंने ये क्यों स्वीकार किया और मैं राज्यसभा क्यों जा रहा हूं.
आपको बता दें कि रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिये जैसे ही नामित किया तुरंत विपक्षी नेताओं की ओर से सियासत शुरू कर दी गयी.आप सांसद संजय सिंह, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, यशवंत सिन्हा और असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं ने विरोध जताया. 
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस के रूप में गोगोई का कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा था. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए थे. इनमें राम मंदिर मामला, चीफ जस्टिस का ऑफिस पब्लिक अथॉरिटी मामला, सबरीमाला मामला, सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर पर पाबंदी मामला और अंग्रेजी-हिंदी समेत 7 भाषाओं के मामले में फैसला महत्वपूर्ण है. गोगोई 17 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो गए थे.


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