उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उपद्रवियों से क्षतिपूर्ति वसूलने के लिए यूपी रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश के तहत एक ट्रिब्यूनल बना रही है. इस ट्रिब्यूनल में रिटायर्ड जिला जज चेयरमैन होंगे.
अध्यादेश के मुताबिक ट्रिब्यूनल के चेयरमैन के अलावा एक और सदस्य होगा. यह सदस्य असिस्टेंट कमिश्नर लेवल का होगा. वहीं इस ट्रिब्यूनल के फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी क्योंकि इस ट्रिब्यूनल के पास अदालती अधिकार होंगे. वहीं अभी तक जो अधिकार सरकार ने एडीएम को दे रखे थे, वे सभी अधिकार इस ट्रिब्यूनल के पास होंगे.
ट्रिब्यूनल क्षतिपूर्ति के आंकलन के लिए क्लेम कमिश्नर की तैनाती करेगा और हर जिले में एक सर्वेयर नियुक्त होगा, जो नुकसान के आंकलन में तकनीकी विशेषज्ञ की तरह काम करेगा. इस ट्रिब्यूनल के पास जुर्माना लगाने से लेकर मुआवजा देने तक का अधिकार होगा. इसके तहत ट्रिब्यूनल एक तरफ उपद्रवियों और आरोपियों के खिलाफ जुर्माने से लेकर तमाम कानूनी कार्रवाई कर सकेगा तो दूसरी तरफ पीड़ित पक्ष को मुआवजा भी दिला सकेगा.
वहीं ट्रिब्यूनल प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति के तोड़फोड़ या नुकसान की भरपाई के लिए कड़े प्रावधान रखेगा, जिसके तहत आरोपी की संपत्ति जप्त करने से लेकर आरोपियों की तस्वीरों को प्रसारित करने का भी अधिकार होगा. अभी तक योगी सरकार साल 2011 के शासनादेश यानी GO के तहत कार्रवाई की थी लेकिन अब अध्यादेश के बाद ट्रिब्यूनल बनाने के साथ ही कानूनी तौर पर सरकार को आसानी होगी.
सीएए प्रदर्शन के दौरान हुई थी हिंसा
बता दें कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने आगजनी की थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रव के दौरान हुए नुकसान की भरपाई इसे नुकसान पहुंचाने वालों से ही करने की घोषणा की थी. इसके लिए सुनवाई के बाद चिन्हित लोगों को रिकवरी नोटिस भी प्रशासन की ओर से जारी किया जा चुका है. इसे वैधानिक जामा पहनाने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.