25हजार सैलरी थी, हादसा हुआ, घरवालों ने 1 लाख का क्लेम किया, लेकिन 1 करोड़ 35 लाख मिलेंगे


25 हजार सैलरी थी, हादसा हुआ, घरवालों ने 1 लाख का क्लेम किया, लेकिन 1 करोड़ 35 लाख मिलेंगे


7 साल पहले हादसे में पैरालाइज्ड हो गई थी लड़की,क्लेम में मागे 1 लाख लेकिन मिलेंगे 1 करोड़ 35 लाख रुपये. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से एक खबर आई है, जिसमें दो-दो सीख की मात्रा छिपी है. हम इस सीख पर बिल्कुल आखिर में बात करेंगे लेकिन उससे पहले खबर जान लीजिए. मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में एक 30 साल की लड़की भर्ती हैं. नाम है प्रियंका राय. जो शरीर से पैरालाइज्ड हैं. 7 साल पहले हुए सड़क हादसे में इन्हें गंभीर चोट लगी थी. उसके बाद से ही ये अस्पताल में भर्ती हैं. सड़क हादसे के बाद इनके पिता ने ट्राइब्यूनल में 1 लाख रुपये का क्लेम किया. लेकिन ट्राइब्यूनल ने हर्जाने की राशि 1 लाख की जगह 1 करोड़ 35 लाख रुपये देने का आदेश दे दिया. यहां गौर करने वाली बात ये है कि ये पैसे उस गाड़ी मालिक उदय शाह को देने होंगे जिसकी गाड़ी पर प्रियंका उस रात सवार थी. साथ ही एक पेंच ये भी है कि उदय शाह ने वो गाड़ी हादसे वाली रात से पहले ही बेच दी थी, लेकिन गलती ये की कि उन्होंने पेपर ट्रांसफर नहीं करवाए.


अब मामला विस्तार से समझिए
बात 31 मार्च 2012 देर रात की है. बांद्रा में एक क्लब में पार्टी करने के बाद प्रियंका अपने 4 दोस्तों के साथ वापिस लौट रही थी. तभी रात लगभग सवा 2 बजे उनकी गाड़ी का भयानक एक्सिडेंट हो गया. जिसमें उनकी दो दोस्त शिवानी और निमिशा की मौत हो गई जबकि प्रियंका को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं दूसरी तरफ राहुल मिश्रा नाम का युवक जो गाड़ी चला रहा था उसे बहुत कम चोटें आईं.


2012 मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक ये हादसा ड्रंक एंड ड्राइव, यानी कि नशे में गाड़ी चलाने की वजह से हुआ. राहुल गाड़ी तेज रफ्तार में चला रहा था तभी उसने जुहू रोड पर खाना खाने के लिए अचानक गाड़ी रोक दी. चूंकि गाड़ी काफी तेज रफ्तार में थी जिस वजह से बैलेंस बिगड़ गया और फिर डिवाइडर से टकराते हुए गाड़ी एक ऑटो से जा टकराई.


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रिपोर्ट के मुताबिक गाड़ी चला रहा राहुल उस वक्त नशे में था. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
इस हादसे में प्रियंका राय को गंभीर चोटें आईं. प्रियंका को इलाज के लिए पहले कूपर अस्पताल में भर्ती कराया गया फिर उसे क्रिटी केयर हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया. मेडिकल रिपोर्ट में ये बताया गया कि प्रियंका को सिर में कई चोटें आईं साथ ही उसके जांघ की हड्डी भी टूट गई. अब इस बात को 7 साल बीत चुके हैं लेकिन प्रियंका की हालत जस की तस बनी हुई है. इस वक्त वो मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी बॉडी पूरी तरह से पैरालाइज्ड हो चुकी है.


इस हादसे के बाद प्रियंका के पिता मार्कंडेय राय ने ट्राइब्यून में अपील की. अपील में उन्होंने क्रिटी केयर के साथ कूपर और कोकिलाबेन अस्पताल की रिपोर्ट पेश की. जिसमें प्रियंका के पूरी तरह से पैरालाइज्ड होने का ज़िक्र किया गया. इस अपील के बाद बाद ट्राइब्यूनल ने 1 करोड़ 35 लाख रुपये चुकाने के आदेश दे दिए. अब सवाल है कि ये हिसाब लगा कैसे.


प्रियंका की मौजूदा उम्र 30 साल की. ट्राइब्यूनल ने बताया कि उसे 8 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ 86 लाख 39 हजार रुपये देने होंगे. चूंकि वो हादसे के वक्त नौकरी करती थी और उसकी सैलरी 25 हजार रुपये महीने थी. इस हिसाब से प्रियंका को कानूनन 54 लाख रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा अस्पतालों के इलाज में जो पैसे खर्च हुए उसके रिइम्बर्समेंट के हिसाब से 15 लाख 12 हज़ार भी रुपये दिए जाएंगे. ट्राइब्यूनल ने ये भी कहा कि इलाज के दौरान प्रियंका को काफी मानसिक और शारीरिक दिक्कतें झेलनी पड़ीं. इसीलिए इसके एवज में 3 लाख रुपये और एक्स्ट्रा दिये जाएंगे. इस हिसाब से प्रियंका को दी जाने वाली मुआवजे की राशि कुल 1 करोड़ 35 लाख रुपये की हो गई.


ट्राइब्यूनल ने निर्देश दिया है कि प्रियंका राय के नाम से पांच साल की एक एफडी बनाकर उसमें 50 लाख रुपये ट्रांसफर किए जाएं. इसके अलावा बाकी बचे पैसे चेक के जरिए उनके परिवार को जल्द से जल्द सौंपे जाएं. और ये सारे पैसे गाड़ी के मालिक उदय शाह को देने होंगे.


अब इस मामले से मिली सीख की बात


पहली- शराब पीकर गाड़ी चलाना कितना खतरनाक है, इसे बताने की ज़रूरत नहीं है. अगर युवक ने शराब नहीं पी हुई होती तो शायद वो हादसा नहीं हुआ होता. और शायद जो जानें गईं वो नहीं जाती. और शायद प्रियंका की ज़िंदगी ऐसी नहीं होती. इसीलिए शराब पीकर गाड़ी चलाने से पहले एक हज़ार नहीं लाख बार सोचना चाहिए.


दूसरी- जिस गाड़ी पर प्रियंका सवार थीं उसके मालिक उदय शाह थे. जबकि उदय शाह ने हादसे वाली रात से कुछ दिन पहले ही अपनी गाड़ी परमजीत बोहट नाम के शख्स को बेच दी थी. लेकिन गलती उन्होंने ये की कि गाड़ी के पेपर्स ट्रांसफर नहीं करवाए. जब इस हादसे पर सुनवाई हुई फिर ट्राइब्यूनल ने उदय शाह की दलील को सुनने से मना कर दिया. जिसके बाद जुर्माने की पूरी राशि उदय को ही देनी होगी. अगर उदय शाह कागजी कार्रवाई अपने तरफ से पूरी की होती तो शायद ये जुर्माने की राशि उन्हें नहीं देनी होती. ना ही इस लफड़े में फंसते