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अंबेडकरनगर । उत्तर प्रदेश साहित्य सभा अंबेडकरनगर इकाई की मासिक काव्य गोष्ठी नगर के राधे कृष्ण म्यूजिक सेंटर के प्रांगण में आयोजित की गई । वरिष्ठ कवि चिंतामणि तिवारी निश्चिंत की अध्यक्षता एवं जिला अध्यक्ष तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु के संचालन में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रभारी जिला युवा कल्याण अधिकारी अतुल सिंह तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ गीतकार मनीष मिश्र की उपस्थिति रही । जिला संयोजक कौशल सिंह सूर्यवंशी के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और निश्चिंत जी की वाणी वंदना के साथ हुई। इसके बाद कवियों ने अपनी रचनाओं से समा बांधना शुरू किया । कवि कौशल सिंह सूर्यवंशी ने पढ़ा– गुजरा जब मैं गांव से देखी हरियाली , कहीं-कहीं फल फूल लदे हैं , कहीं है लड़ गई बाली । युवा कवि संजय सवेरा ने पढ़ा — चेहरे पर जमी धूल हटाती भी नहीं है , जिंदगी कहां खड़ी करेगी बताती भी नहीं । गीतकार मनीष मिश्र ने पढ़ा — चमत्कारों की कभी मत आस करना , बुध्दि बल सम्बल सतत प्रयास करना । विनीत शूरवीर ने पढ़ा — सभी लोग कहते हैं मंदिर वाला हर दर्द मिटा देता है , यह काम मैंने अपने मां बापू को करते देखा है । मंच संचालक तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु ने पढ़ा — तेरे बिखरे बालों की तरह मेरे सपने बिखर गए । क्या अब भी तुझे भरोसा नहीं है मेरी बातों पर ।। चंद्र प्रकाश त्रिपाठी ने पढ़ा —प्रातः उठकर स्नान योग ध्यान मां की प्रेयर कीजिए , मैया रानी के गीतों को लाइक शेयर कीजिए ।भगवानदीन यादव मुनि ने पढ़ा — शरीर सजाय सरल है अंतःकरण सजाय विदित्त , जिनके नाम अमर हैं उनके अंतःकरण है निमित्त । सुनील कुमार ने पढ़ा— दोष किसका है इसे बाद में तय कर लेंगे , पहले इस समाज को विकसित बनाया जाए । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि निश्चिन्त द्वारा ग़ज़ल प्रस्तुत की गई । अध्यक्षीय संबोधन में निश्चिंत ने कवियों के काव्य पाठ की समीक्षा करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की । अंत में जिज्ञासु द्वारा सभी अतिथियों एवं कवियों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया ।