दीपावली पर्व पर टाण्डा में कवि सम्मेलन का आयोजन

जग का अजब विधान है धूमिल है हर शान – तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु संचालक

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ज्योति पर्व दीपावली के शुभ अवसर पर पुनीत सरयूतटस्थित साहित्यिक रूप से समृद्ध औद्योगिक नगरी टांडा के चौक घंटाघर में अवस्थित *अदबी विचार मंच* के सभागार में भव्य कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया | अदबी विचार मंच के संस्थापक अध्यक्ष श्री ईश्वरदयाल जायसवाल, महामंत्री सरदार त्रिलोक सिंह और साहित्यसेवी श्री मनीराम वर्मा जी के प्रयासों से नगर में काफी अरसे से शिथिल साहित्यिक गतिविधियों में हलचल आ गयी | आदर्श कन्या महाविद्यालय जियापुर बरुआ जलाकी की उपप्राचार्य डॉक्टर करुणा वर्मा समारोह की मुख्य अतिथि रहीं | मोहम्मद असलम खान समारोह के अध्यक्ष और अनस मसरूर जी विशिष्ट अतिथि रहे | संचालन का दायित्व श्री तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु ने संभाला |

 श्री देवेंद्र तिवारी की सरस्वती वंदना 

*कुंद इंदु वरमाला भूषित वीणा वादिनी मां सरस्वती*

 *ब्रह्मा विष्णु महेश्वर वंदित ज्ञानदायिनी मां सरस्वती*

 की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का श्रीगणेश हुआ | श्री रामचंद्र वर्मा सांची ने प्रधानी चुनाव पर हास्य व्यंग 

*मत कूदो प्रधानी में*

 सुनाकर वाहवाही लूटी | श्री प्रदीप माँझी ने

 *शहर का कोना कोना देखा* 

सुना कर समा बांधा तो वही अजय प्रताप श्रीवास्तव ने श्रमिक विमर्श पर पंक्तियां पढ़ीं - 

*ऊंची मंजिल उसने पाई हैं*

*मगर ये टाँगें मैंने वही गंवायी हैं*

 अनस मसरूर ने दीपावली पर कविता सुनाई-

*मन में खुशी जगाते हैं दीपावली के दीप* 

संजय सवेरा ने *दिल बहलाने का जुनून ढूंढते हैं* रचना सुनाई |

 देवेंद्र तिवारी की रचना-

*नेह के रंग में प्रीति मिल जाएगी*

 *जश्न के गीत में निशि संवर जाएगी* 

*दिल के शिकवे शिकायत भी धुल जाएंगे* 

*जिंदगानी मधुर गीत बन जाएगी* 

श्रोताओं को बहुत पसंद आई | 

डॉक्टर मनीराम वर्मा की रचना -

*फूल की तलाश में दुकुल शूल सह गया*

 *शर्वरी की चाह में विभावरी में रह गया*

 ने सबके दिलों को छू लिया |

 डॉक्टर करुणा वर्मा ने

*यह कलम भी क्या कमाल लिखती है*

*पीढ़ी दर पीढ़ी सारा हाल लिखती है* रचना सुनाकर मंत्र मुग्ध किया !

संचालक तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु ने दोहा पढ़ा !

संकट में किरदार है , जोखिम में है जान ! जग का अजब हिसाब है , धूमिल है हर शान !!

 श्रोताओं द्वारा खूब पसंद किया गया !

मोहम्मद असलम खान ने

*यह हिंदुस्तान अपना है*

*मोहब्बत इससे क्यों नहीं करते*

सुनाकर देशभक्ति जगायी | समारोह में सरदार त्रिलोक सिंह, श्री आनंद अग्रवाल, श्री दिनेश प्रताप नारायण सिंह आदि गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी चार चांद लगा रही थी | अंत में संस्था के अध्यक्ष श्री ईश्वरदयाल

जायसवाल ने सभी कवियों, समाजसेवियों, आगंतुकों एवं श्रोताओं का हृदय से आभार ज्ञापन किया |