हंसना बड़ा कठिन होगा इस पत्थर की दुनिया में -- कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

दुनियादारी का खेल आसान नहीं है प्यारे ! 


दिल से ज्यादा दिमाग़ से खेलना पड़ता है !! 


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तलाश है तुमको गुरु की जो दुनियादारी सिखाए ! 


मेरा मानो तो गुरु नहीं ये दुनिया खुद सिखा देगी !! 


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दुनियादारी का ज्ञान अगर कुछ भी नहीं है तुमको ! 


हंसना बड़ा कठिन होगा इस पत्थर की दुनिया में !! 


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मासूम बच्चे जब दुनियादारी की गणित सीख जाएंगे ! 


मैं पूछता हूं बताओ बच्चों के पापा का क्या हाल होगा !! 


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यह ज़माना मेरे साथ ना तो हंसने को तैयार है ना ही रोने को ! 


मतलब यही समझो मुझे दुनियादारी का ज्ञान नहीं है कुछ भी !! 


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दुनियादारी सीखने के लिए गुरु को फीस नहीं देते बेटा ! 


दुनियादारी का ज्ञान किस्तों में खुद बांटती है दुनिया !! 


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आओ तुम्हें एक क़िस्सा सुनाते हैं बचपन का ! 


दुनियादारी में शायद बचपन भूल गया तुमको !! 


************* तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !


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