टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए आगे आईं निजी संस्थाएं,एनजीओ ग्रामीण विकास सेवा समिति ने 15 मरीजों को गोद लिया


बस्तीः टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) व एक सामाजिक संस्था आगे आए हैं। दोनों ने जिले के 21 मरीजों का जिम्मा उठाया है। शासन ने सभी मंडल व जिला स्तरीय अधिकारियों को टीबी के मरीजों को गोद लेकर उनके इलाज का जिम्मा उठाने के लिए योजना लागू की है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीएल कन्नौजिया ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्र में काम करने वाली एनजीओ ग्रामीण विकास सेवा समिति ने 15 मरीजों को गोद लिया है। संस्था जिन ब्लॉकों में काम करती है, वहीं के मरीजों की जिम्मेदारी उसे सौंपी गई है। सभी मरीज की उम्र 17 साल या उससे कम है। 


शहर की सामाजिक संस्था चित्रांश क्लब बस्ती ने छह मरीजों को गोद लिया है। संस्था को मरीजों की सूची जल्द ही सौंप दी जाएगी। इसमें ज्यादातर मरीज शहरी क्षेत्र के ही होंगे। संस्थाओं के इस कदम का आने वाले दिनों में प्रभाव पड़ेगा तथा अन्य लोग भी मरीजों को गोद लेने के लिए आगे आएंगे। डीटीओ ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का संकल्प लिया है। स्वास्थ्य विभाग इसी लक्ष्य के अनुसार काम कर रहा है। मरीजों की पहचान कर उनका कोर्स पूरा कराना इस समय सबसे मुख्य काम है। आम तौर से देखा जाता है कि मरीज तो चिन्ह्ति हो जाते हैं।


लेकिन किसी कारण से उनका कोर्स पूरा नहीं हो पाता या खान-पान की कमी से उनकी समस्या बढ़ जाती है। इसी को देखते हुए मरीजों को गोद लेने की योजना शुरू की गई है। इस योजना में जिस मरीज को कोई गोद लेता है, उसका इलाज समय से हो रहा है तथा न्यूट्रीशन की उसे कोई समस्या नहीं है, इस पर विशेष नजर रखनी होती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच व दवा की सुविधा पूर्व की तरह मुहैया कराई जाती रहेगी। उन्होंने बताया की इस कार्यक्रम का एक मकसद यह भी है कि लोग टीबी के मरीजों से घबराने के बजाए उन्हें इस रोग से छुटकारा दिलाने में अपनी भूमिका अदा करें।