हमें तुमसे मोहब्बत है कितनी कैसे बताऊं !
तेरी आंख का आंसू देख हैरान हो गया मैं !!
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ग़म और ख़ुशी का इजहार करो या ना करो मुझसे !
तुम्हारे दिल का हाल तुम्हारे आंसुओं से पढ़ सकता हूं !!
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कभी अपने आशियाने से निकल मेरी हवेली में भी आओ !
ज़िंदगी का सारा किस्सा मेरी आंख के आंसू बता देंगे तुमको !!
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तुम्हारे दिल के बाज़ार में मेरे आंसुओं की कीमत नहीं है कुछ भी !
मगर इतना समझ लो मेरे गम के आंसू में डूबे तो फिर निकल ना पाओगे !!
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मेरे दर्द का किस्सा सुनाते फिर रहे हो सरे बाज़ार तुम !
शायद मेरा दर्द खरीदना चाहो तो कंगाल हो जाओ तुम !!
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हमारी आंख के आंसू बहुत कुछ बता देंगे तुमको !
तुम्हारी काबिलियत हमें कितना पहचान पाते हो !!
************* तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !