लगातार 18 घंटे से हो रही बरसात के चलते सरयू नदी का जल स्तर बढ़ने से तटवर्ती दर्जनों गांवों के हजारों ग्रामीण दहशत में


बस्ती :- लगातार 18 घंटे से हो रही बरसात के चलते सरयू नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ने लगा है। एक तरफ जहां बोल्डर गिराकर कटान को रोकने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ सरयू की धारा तटवर्ती गांवों के मकानों से सट कर बहने लगी है। तटवर्ती दर्जनों गांवों के हजारों ग्रामीण दहशत में हैं।


लगातार हो रही बरसात से सरयू नदी तेजी से कटान करने लगी है। जल स्तर तीन सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। अगर रफ्तार यही रही तो बुधवार की सुबह तक खतरे के निशान को पार कर जाएगी। केंद्रीय जल आयोग अयोध्या के मुताबिक मंगलवार को दिन में करीब एक बजे सरयू नदी का जलस्तर 92.480 रिकॉर्ड किया गया जो कि खतरे के निशान 92.730 से 25 सेंटीमीटर नीचे है।


नदी का रुख देख किनारे बसे ग्रामीण जरूरत की सामग्रियों को जुटाने में लग गए हैं। उन्हें डर है कि कहीं ऐसा न हो कि बाढ़ से उनके लिए भोजन के भी लाले न पड़ जाएं। उनके खेत तो सरयू की लहरों में समा चुके हैं अब कहीं उनके आशियाने भी नदी की धारा में विलीन न हो जाएं। प्रशासन छह साल से तटबंध निर्माण की बात दोहराता आ रहा है लेकिन अभी तक अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। वहीं अधूरे तटबंध के कारण कल्यानपुर के केशवचंद्र पांडेय के मकान से सट कर सरयू नदी तांडव मचाने को आतुर है।


दुबौलिया। जिले की दक्षिणी सीमा से सट कर बहने वाली सरयू का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। जिम्मेदार बोल्डर गिराकर कटान रोकने का प्रयास कर रहे हैं। अति संवेदनशील कटरिया-चांदपुर तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ गया है।चांदपुर तटबंध पर बने ठोकर नंबर एक पर नदी का दबाव तेजी से बढ़ रहा है। दिलासपुरा, विशुनदासपुर, सूविखा बाबू, अखनपुर व अशोकपुर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इन गांवों के पशुपालकों के सामने हरे चारे की समस्या खड़ी हो गई है। दूसरी तरफ कटरिया-चांदपुर तटबंध पर साढे पांच सौ मीटर तटबंध की सुरक्षा के लिए बनाए गए बोल्डर पिच पर पानी लबालब भर चुका है, जिससे मरम्मत कार्य प्रभावित हो रहा है।