बस्ती में फुल स्पीड में दौड़ रहा है कोरोना, बस्ती जिला प्रशासन स्थिति नियंत्रण में रहने का कर रहा दावा 


 बस्ती, कोरोना है कि बस्ती में भी फुल स्पीड पर दौड़ रहा है। कोरोना को काबू करने का दंभ सभी बड़े अधिकारी भी भरते थे लेकिन अब यूपी में भी कोरोना की गति बढ़ती ही जा रही है। जानकार घर.घर सर्वे में सामने आ रही कोरोना मरीजों की अत्यधिक संख्या को अच्छा बता रहे हैं और जनता है कि कोरोना के डर में सहमी जा रही है। हर कोने में कोरोना घर बना चुका है। किसी को इसका इलाज समझ में नहीं आ रहा। सरकार भी हर संभव कोशिश कर रही है। बहरहाल,हालात को अब बेहतर संभालने के लिए शासन ने प्रशासन को कोरोना पर लगाम कसने की जिम्मेदारी सौंपी है। उसमें सफलता का प्रतिशत कम ही दिख रहा 


हाल ही में जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं नगर पालिका परिषद बस्ती के प्रतिनिधि पुष्कर मिश्र एवं कानूनगो की कोरोना संक्रमण से मौत ने शहरवासियों को हिला कर रख दिया है नागरिकों का मानना है कि शहर के प्रथम नागरिक के प्रति जब इस भीषण बीमारी में सेफ नहीं बचे तो आम लोगों का क्या होगा इसी तरह हिंदू युवा वाहिनी के टॉप लीडर एवं जिला प्रभारी अज्जू हिंदुस्तानी के कोरोना संक्रमण की खबर में लोगों में खौफ पैदा कर दिया है जनपद की ही एक पुलिस सर्किल में तैनात डिप्टी एसपी की भी पूर्व में मौत हो चुकी है कोरोना के बारे में यह सूचना पाकर अफसरों का हाल बेहाल हो रहा है।भोलनाथ सब कुछ देख रहे हैं। उनके दर्शनों के लिए बेताब भक्त बंदिशों में बंधे हैं। पुलिस ने मंदिर समिति को लिखकर चेतावनी जो दी है। हालांकि मंदिर समितियों को पांच.पांच भक्तों को दर्शन कराने के लिए कहा गया था। समिति को बस शपथ.पत्र देना था, जो नहीं दिया गया। बस फिर क्याए भोले के किसी भक्त को मंदिर के भीतर नहीं जाने दिया गया। कांवर के दिन तो मंदिर को जाने वाले रास्ते भी बंद कर दिए गए। वर्दीवाले अधिकारी मंदिर पहुंचे तो खुद को रोक नहीं पाए। सारे नियम तोड़ डाले। गर्भगृह में पहुंच, जलाभिषेक कर भोले को मनाने की कोशिश की। पुजारी दूर खड़े देखते रह गए। कई लाख भक्तों वाली भोले की बारात यानी कंवर यात्रा इस बार नहीं चली। वशिष्ठनगरी भी इस बार शिवनगरी का रूप नहीं ले सकी। सूनी सड़कें कई दिन तक शिवभक्तों के कदमों की आहट सुनने को बेताब रहीं।ये वाला लॉकडाउन अच्छा है जिले की जनता भी चार महीनेमेकई लॉकडाउनएअनलॉक देख चुकी है, लेकिन इस बार वाला लॉकडाउन आम जनता, व्यापारी, उद्योगपतिए शिक्षक, डॉक्टर सभी को भा रहा है। सबसे पहले जनता कफ्र्यू। उसके बाद 21.19 दिन का लॉकडाउन। फिर अनलॉक हुआ तो भी जनता तमाम बंधनों में रही। अब प्रदेश सरकार ने फाइव.डे वीक वाला अमेरिकी सिस्टम लागू किया है, जिसे हर कोई पसंद कर रहा है। आएगा भी क्यों नहीं, प्रशासन ने सप्ताह में दो दिन पूर्ण लॉकडाउन की व्यवस्था लागू की थी। हालांकि नए लॉकडाउन में 55 घंटे का आराम है। दो दिन सरकारी ऑफिस स्कूलए बाजार ट्रैफिक समेत सब कुछ बंद। हर किसी को आराम का अब पूरा मौका है। इस ऑटोमेटिक कंट्रोल से प्रशासन भी खुश है।हफ्ते भर के भीतर बनाए गए 71 कंटेनमेंट जोन


बस्ती में लगातार फुल स्पीड में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है मात्र 1 सप्ताह के भीतर 71 नए कंटेनमेंट जोन अब तक बनाए जा चुके हैं की स्थिति विकट होती जा रही है खाकी और खादी दोनों कोरोनावायरस से जनता को बचाने के बजाय खुद अपनी बचाव में आ गए हैं सत्ता धारी दल के एक वरिष्ठ नेता की मौत ने इन नेताओं के हौसले को तोड़ कर रख दिया है वही खाकी वर्दी धारी भी भयभीत नजर आ रहे हैं हालात यह है की पखवाड़े भर पहले जनपद के लालगंज थाने को 10 दिनों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया था यहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के कोरोना पाजिटिव पाए जाने पर पुलिस प्रशासन ने यह निर्णय लिया था हर दिन किसी न किसी थाने पर तैनात वर्दीधारी कोरोना संक्रमण से जकड़ते जा रहे हैं । 


 वर्दी धारियों की भी संख्या सौ के ऊपर पहुंच चुकी है हालांकि जिला प्रशासन अभी भी स्थिति नियंत्रण में रहने का दावा कर रहा है जिला मजिस्ट्रेट आशुतोष निरंजन का कहना है कि अब तक तकरीबन 20 हजार व्यक्तियों की कोरोना जांच कराई जा चुकी है जिसमें से करीब 621 लोग ही पॉजिटिव पाए गए हैं इसमें भी 70 फीसदी लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं उन्नीस व्यक्तियों की जान जा चुकी है ।