घाघरा के तटवर्ती व तटबंध विहीन गांवों की सुरक्षा को लेकर शासन प्रसासन निष्कृय-चन्द्रमणि पाण्डेय


बस्ती।लोलपुर हाईवे पर गुरुवार रात 8 बजे अग्यात वाहन का ठोकर लगने के बाद दांये कंधे के फैक्चर होने के चलते जनसामान्य की समस्याओं को लेकर संघर्ष करने में असमर्थ समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामाजी ने कल रात से जारी भारी बारिश के मध्येनजर तटबंधविहीन घाघरा तट पर बसे गांवों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जहां दशकों के संघर्ष के बाद ईंट व रोडे की जगह बोल्डर के प्रयोग व ड्रेजिंग कार्य से घाघरा के कटान से राहत की उम्मीद थी वहीं गुरुवार को ही जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के आगमन के पूर्व हमने जिले की सीमा पर स्थिति सरयु पुल के नीचे हुऐ ड्रेजिंग कार्य का निरीक्षण किया तो पता चला कि बस्ती की तरफ आने वाली धारा को रोकने हेतु बानाया गया बांध कट रहा है कारण बालू के बांध की सुरक्षा हेतु बोल्डर का प्रयोग नहीं किया गया है फलताः उस बांध के कटने से जहां धारा का वेग घाघरा तट पर बसे गांवों से टकराने से संकट उत्पन्न होगा वहीं तटबंध विहीन जिन गांवों में मई माह में ठोकर निर्माण हेतु बडे बडे गड्ढे खोदकर ठोकर निर्माण शुरू हुआ वहां वर्तमान में निर्माण कार्य बंद है कल्याणपुर में तो पूर्व विधायक सुखपाल पाण्डेय द्वारा बने ठोकर को ही पुनर्जीवित करने के नाम पर खोद दिया गया फलतःनदी की धारा गांव के केशवचंद्र पाण्डेय, विष्णूचन्द्र पाण्डेय व हेमन्त पाण्डेय के घर से सट कर बह रही है और ठेकेदार जेई व मजदूर नदारद हैं फलताः कभी भी कोई बडी घटना घट सकती है जबकि शासन प्रसासन इस संकट से बचने हेतु गम्भीर नहीं है निरीक्षण के दौरान तो जलशक्ति मंत्री व जिलाधिकारी बस्ती ने तो ये भी कहा कि जब तक इनके घरों में पानी नहीं जायेगा माहौल नहीं बनेगा सवाल यह उठता है कि यदि कटान को लेकर सत्ता व सत्ताधारी गंभीर नहीं तो करोडों खर्च कर ड्रेजिंग व बांध निर्माण का क्या औचित्य है यदि धारा मोडने हेतु ड्रेजिंग कर बनाये गये बांध को सुरक्षित किया जाय तो जनपद का अधिकांश भूभाग घाघरा के कटान से मुक्त हो जायेगा।यदि ऐसा नहीं हुआ तो किसी भी अप्रिय घटना के घटने पर हम बिना अपने स्वास्थ्य का परवाह किये प्रसासन की ईंट से ईंट बजा देंगें।