लॉक डाउन का बहुत ही खूबसूरत किरदार रहा मेरा ! गीत ग़ज़ल की सरस सरिता में डुबकी लगाई मैंने !! इन पंक्तियों के रचनाकार उत्तर प्रदेश के जनपद - अंबेडकरनगर के वरिष्ठ कवि व मंच संचालक - तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं ! पेशे से शिक्षक श्री जिज्ञासु साहित्य जगत में खास पहचान बनाए हुए हैं ! रवीना प्रकाशन नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित जिज्ञासु का पहला काव्य संग्रह -" एक आईना जिज्ञासु की कलम से " सुर्खियों में रहा वहीं कवि सम्मेलन व मुशायरे के मंचों पर जिज्ञासु का बोलबाला है ! हिंदुस्तान के विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा लॉक डाउन के दौरान व्हाट्सएप व फेसबुक पर ऑनलाइन कवि सम्मेलन व मुशायरे में जिज्ञासु जी ने काव्य पाठ व संचालन का बखूबी किरदार निभाया ! साहित्य गौरव सम्मान , श्रद्धा साहित्य गौरव सम्मान ,तुलसी मीर सम्मान , साहित्य सारथी सम्मान के साथ ही हाल में कादंबरी साहित्य परिषद छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित ऑनलाइन कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में काव्य पाठ हेतु श्री जिज्ञासु को हिंदी विद्यारत्न भारती सम्मान से विभूषित किया गया ! उनके सम्मान पर शिक्षकों , कवियों व साहित्यकारों ने शुभकामनाएं देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की !
कादंबरी साहित्य परिषद छत्तीसगढ़ द्वारा सम्मानित हुए कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु