मानदेय और विनियमितीकरण को भी मजबूर राजस्व विभाग के सामयिक संग्रह अनुसेवक-चन्द्रमणि पाण्डेय


बस्ती।आज अपर आयुक्त बस्ती द्वारा मानदेय के सन्दर्भ में जिलाधिकारी को प्रेषित पत्र से निराश मानदेय न मिलने की समस्या को लेकर जनपद के दर्जनों सामयिक संग्रह अनुसेवकों ने समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय से एक बार पुनः सम्पर्क किया सैकडों की संख्या में मानदेय से वंचित अनुसेवकों की समस्या के सन्दर्भ में प्रमुखसचिव राजस्व उ.प्र.व चीफ लेबर सिक्रेटरी भारत सरकार सहित केन्द्रीय श्रममंत्री भारत सरकार से वार्ता करते हुए समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामाजी ने बस्ती जनपद के हर्रैया तहसील के 28 व पूरे जनपद के 182 सहायक संग्रह अनुसेवक को शीघ्र विनियमित करने व उनका बकाया मानदेय शीघ्र देने की मांग करते हुए आज तक इनको विनियमित न करने के कारणों कि जांच कराते हुए दोषियों पर कार्यवाही की मांग की श्री पाण्डेय ने बताया कि ये राजस्व विभाग में कोविड-19के दौरान वर्तमान में भी निरन्तर कार्यरत हैं इन संग्रह सहायकों को पूर्व में न केवल विनियमित करने का आदेश हुआ है अपितु तमाम जिलों में विनियमितीकरण किया भी गया है किन्तु बस्ती जनपद में विनियमितीकरण तो दूर इनका मानदेय भी लम्बित है फलतःसैकडों परिवार अर्थिक तंगी से जूझ रहे है जिसके सन्दर्भ में जून 2017से लगातार चल रहे प्रयासों व इनके पक्ष में हमारे अनेकों बार किये गये मांग के क्रम में वर्तमान में जिलाधिकारी बस्ती ने लाकडाउन के दौरान कार्यरत इन श्रमिकों को मनरेगा मजदूरों के समानांतर मानदेय का प्रस्ताव मंडलायुक्त कार्यालय को प्रेषित किया किन्तु अपर आयुक्त बस्ती बृजकिशोर जी ने प्रस्ताव पर ही सवाल खडा कर यह आख्या मांगी है कि ऐसा किस नियम के तहत किया जाय।


यहां सवाल यह खडा होता है कि क्या जिलाधिकारी बस्ती का प्रस्ताव नीति विरूद्ध है या उच्चाधिकारियों का इन कर्मचारियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण जब सरकारी संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों को लाकडाउन के दौरान उनकी दशा पर छोड दिया जायेगा तो निजी संस्थानों के श्रमिकों का क्या होगा।
क्या मानवीय दृष्टिकोण से इन परिवारों को तत्काल राहत उपलब्ध कराना अनुचित है।
यदि सहायक संग्रह अनुसेवकों  को लाकडाउन के दौरान मानदेय देना सम्भव नहीं तो ऐसी दशा में इनसे काम कैसे लिया जा रहा है क्या सहायक संग्रह अनुसेवकों का पद सूबे के किसी भी जिले में सृजित नहीं है यदि है तो यहां क्यों नहीं इन अनुसेवकों के जीवन यापन पर आज तक विचार क्यों नहीं हुआ।जबकि उक्त के सन्दर्भ में अपर मुख्यसचिव रेणुका कुमार ने शासन की नीति के क्रम में विनियमितीकरण हेतु पत्र भी 27/03/2019को जारी कर चुके हैं। श्री पाण्डेय ने उक्त विषय पर गंभीरता से विचार करते हुए तत्काल सहायक संग्रह अनुसेवकों का मानदेय निर्गत करने हेतु निर्देश देते हुए आश्रित परिवारों के सम्मुख उत्पन्न भरण पोषण की समस्या का निराकरण कराने व अन्य जनपदों की भांति जनपद बस्ती के भी सा.संग्रह अनुसेवकों  का विनियमितीकरण शीघ्र सुनिश्चित कराने की मांग करते हुए मामले को लम्बित रखने के कारणों की जांच कराते हुए दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है।चीफ लेबर सिक्रेटरी आर.के.अग्रवाल ने शीघ्र आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया है।


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