दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके,रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.4 मैग्नीट्यूड,लोग हड़बड़ाए सड़क पर निकले


नई दिल्ली देश की राजधानी दिल्ली में रविवार दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.4 मैग्नीट्यूड मापी गई है। वहीं, भूकंप के झटके लगते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। खास कर फ्लैटों में रहने वाले लोग ज्यादा डरे-सहमे दिखे। यह लगातार दूसरा मौका है जब रविवार को दिल्ली में भूकंप के झटके लगे हैं। इससे पहले 12 अप्रैल को भी दिल्ली में भूकंप आया था, उस तारीख को रविवार ही था। इससे भी पहले 1 जुलाई, 2018 भूकंप आया था, उस दिन भी रविवार ही था।


मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार को दोपहर 1 बजकर 14 मिनट और 29 सेकेंड पर दिल्ली में भूकंप के झटके लगे। इसकी तीव्रता 3.4 मापी गई, जबकि इसकी जमीन में गहरानी 5 किलोमीटर थी।  
12 और 13 अप्रैल के बाद रविवार को भी आए तीनों दिन भूकंप का केंद्र पूर्वी दिल्ली ही रहा है। 12 अप्रैल को आए भूकंप का केंद्र जमीन से 8 किलोमीटर नीचे था, जबकि 13 अप्रैल को मात्र 5 किलोमीटर नीचे केंद्र रहा था। रविवार यानी आज आए भूकंप का जमीन के अंदर केंद्र 5 किलोमीटर ही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भूकंप का केंद्र जमीन में 15-20 किलोमीटर के भीतर होता है तो रिक्टर स्केल पर तीव्रता भी ज्यादा होती है। ऐसे स्थिति में भूकंप के झटके तेज लगते हैं।


इससे पहले 12 और 13 अप्रैल को दिल्ली-एनसीआर में लगातार 2 दिन भूकंप के झटके लगे थे। 12 अप्रैल को 3.5 तीव्रता का भूकंप आया था। 13 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 26 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र दिल्ली में ही था। दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर लोगों को कहना था कि भूकंप के झटके तेज थे, हालांकि, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 थी। 
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है दिल्ली-NCR
यहां पर बता दें कि भूकंप के लिहाज से दिल्ली-एनसीआर बेहद संवेदनशील है। दरअसल, मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के लिहाज से भारत को कुल 5 जोन में बांटा गया है, जिनमें दिल्ली जोन 4 में है और यह खतरनाक माना जाता है। कुल 5 जोन में से जोन 2 को सबसे कम संवेदनशील की श्रेणी में माना जाता है, जबकि जोन-5 ऐसा क्षेत्र है, जहां पर सबसे ज्यादा भूकंप आने की आशंका रहती है। 


संजीव गुप्ता