कैली अस्पताल कोरोनाके बचाव हेतु लेबल 2 की श्रेणी में अपग्रेड, इस श्रेणी की सुविधाओ से हुआ परिपूर्ण


बस्ती। कोरोना की जंग में  लेबल-टू के ओपेक चिकित्सालय कैली को गंभीर कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए सुविधाओं से लैस कर दिया गया है। मरीजों को तत्काल बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया हो जाए, इसके लिए सीएमएस डॉ. जीएम शुक्ल ने संसाधनों सहित व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया है।


जिले में लेबल-वन के कई अस्पताल हैं। क्वारंटीन सेंटरों की भी स्थापना बड़े पैमाने पर हुई है। यहां जांच-पड़ताल के अलावा सामान्य इलाज भी किए रहे हैं। लेबल-वन के मुंडेरवा स्थित अस्पताल में 15 कोरोना पॉजिटिव का आइसोलेशन वार्ड में इलाज चल रहा है। अब धीरे-धीरे स्थिति बिगड़ रही है तो लेबल-टू के अस्पताल की जरूरत महसूस होने पर जिला प्रशासन की पहल पर ओपेक चिकित्सालय कैली को उक्त श्रेणी का अस्पताल घोषित किया गया है। यहां क्रिटिकल केयर रूम के अलावा आइसोलेशन वार्ड व वेंटिलेटर रूम स्थापित किया गया है।


डॉ. जीएम शुक्ल के मुताबिक अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीज को ट्राइएज एरिया में डॉक्टरों की टीम रिसीव करेगी। यहां रक्षा प्रणाली के सभी संसाधन स्थापित कराए गए हैं। स्थिति के आधार पर डॉक्टर तय करेंगे कि मरीज को क्रिटिकल केयर यूनिट अथवा वेंटिलेटर रूम में रखना है। लेबल-टू के अस्पताल को संचालित करने के लिए डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की टीम बनाई गई है। इसमें 16 डॉक्टरों के साथ 90 पैरा मेडिकल स्टाफ हैं। ये लोग क्रमवार सात दिनों तक क्रिटिकल केयर यूनिट व वेंटिलेटर रूम का संचालन करेंगे। इसके बाद इन्हें 14 दिनों तक क्वारंटीन के लिए तय स्थानों पर रखा जाएगा। जांच के बाद यदि यह स्वस्थ पाए गए तो उन्हें आराम दिया जाएगा। इसी प्रकार पूरी व्यवस्था को संचालित करने की योजना बनाई गई है। अस्पताल में 28 वेंटिलेटर चालू हालत में हैं। इनका परीक्षण भी किया जा चुका है। इसे संचालित करने वाले प्रशिक्षित विशेषज्ञों को लगाया गया है। क्रिटिकल मरीज को हर संभव सहायता दी जाएगी।