आप जानते हैं हनुमान जी संजीवनी कहाँ से लाए थे?:-संध्या दीक्षित की कलम से


ये तो आपने सुना होगा कि वे हिमालय से लाए थे और पूरा पहाड़ ही उखाड़ लाए थे. 


अब जानिए उस गाँव के बारे में जहाँ से हनुमान ये पर्वत लाए थे.


इस गाँव का नाम है द्रोणागिरी. उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित है. इस गांव में आज भी हनुमान जी की पूजा नहीं होती. 



गांव के लोग सदियों से पर्वत देवता को पूजते हैं. पर्वत देवता यानी द्रोणागिरी पर्वत. माना जाता है कि द्रोणागिरी वही पर्वत है जहां से हनुमान जी संजीवनी बूटी ले गए थे. गाँव वालों का मानना है कि संजीवनी के साथ हनुमान जी जो पहाड़ उखाड़ ले गए, वह असल में उनके पर्वत देवता की एक भुजा थी. जो हनुमान जी उखाड़ कर ले गए थे।
इसलिए गाँव के लोग आज तक हनुमान जी से नाराज़ हैं. गांव में जब द्रोणागिरी पर्वत की पूजा होती है तो गांव के किसी व्यक्ति पर द्रोणागिरी जी प्रकट होते है वे अपने एक हाथ को पकड़ कर दर्द से छटपटाते भी रहते हैं।



यहां के लोग बड़े ही सरल व बडे ही धार्मिक स्वभाव के है ,मज़ेदार है कि यहां जो रामलीला भी होती है उसमें से हनुमान जी का पूरा प्रसंग ही ग़ायब कर दिया जाता है. न गाँव में हनुमान जी का कोई झंडा लगता है,न तस्वीर और न उनकी पूजा होती है..