मां बाप नहीं है खुद खेती करता है बालक

मां-बाप नहीं हैं, 10 साल का बच्‍चा खुद खेती कर रखता है अपना खयाल
यह खबर दिल को झकझोर देने वाली है! लेकिन 10 साल के डांग वान खुयेन के हौसले और आत्‍मसम्‍मान के आगे सब छोटे जान पड़ते हैं। जिस मासूम उम्र में हम खुद से खाना नहीं पका पाते, यह बच्‍चा अकेले खुद की देखभाल करता है। मां-बाप नहीं हैं, इसलिए अकेले रहता है। खेती करता है, सब्‍ज‍ियां उगाता और खुद उन्‍हें पकाकर खाता भी है।
पिता ने दूसरी शादी कर ली
डांग वियतनाम के एक सूदूर गांव में रहता है। उसकी जिंदगी कभी भी बहुत आसान नहीं रही। मासूम उम्र में ही मां छोड़कर चली गई। वह अपनी दादी के साथ रहने लगा। पिता काम की तलाश में दूर शहर चले गए। हालात और भी बुरे हो गए, जब काम करते वक्‍त एक दुर्घटना में पिता की मौत हो गई। इधर दादी मां ने दूसरी शादी कर ली और दूसरे गांव चली गईं। यानी अब डांग अकेला हो गया, बिल्‍कुल अकेला।
लोग गोद लेने आते है पर वो तैयार नहीं
पिता शहर से पैसे भेजते थे, जिससे परिवार चलता था। कपड़े खरीदे जाते थे। दादी मां खाना पकाकर ख‍िलाती थी। लेकिन अचानक से डांग की जिंदगी पूरी तरह बदल गई। अब वह गांव में अपने घर में अकेले रहता है। वियतनामी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डांग को हर दिन घर से सटे खेतों में काम करने हुए देखा जा सकता है। ऐसा नहीं कि दूसरे परिवारों ने उसे गोद लेने की इच्‍छा नहीं जताई। लेकिन डांग ने किसी के साथ भी जाने से इनकार कर दिया।
मै अपनी मदद कर सकता हू
जब डांग वान को अपने पिता की मौत की खबर मिली तो वह टूट गया। एक स्‍थानीय श‍िक्षक ने गांव वालों की मदद से कुछ पैसे जमा किए और डांग के पिता की लाश को शहर से गांव मंगवाया, जहां उनका अंतिम संस्‍कार किया गया। डांग की दादी ने भी हालचाल नहीं लिया। उसी स्‍थानीय श‍िक्षक ने डांग वान खुयेन के बारे में स्‍थानीय प्रशासन को खबर दी। उसे फॉस्‍टर होम ले जाने की कवायद शुरू हुई, लेकिन डांन ने इनकार कर दिया। उसने कहा- मैं अपना खयाल खुद रख सकता हूं।
दस साल के डांग की एक और खास बात है। खुद अपना सारा काम करने और खेतों में मेहनत के बावजूद उसने एक भी दिन स्‍कूल नहीं छोड़ा है। वह हर सुबह साइकिल से स्‍कूल जाता है। क्‍लास खत्‍म करने के बाद घर लौटता है और फिर अपने रोज के काम में जुट जाता है।
डांग वान खुयेन को उसके पड़ोसी अन्‍न देते हैं, जबकि वह खुद खेती कर सब्‍जी उगाता है। जब कोई उसे साथ रहने को कहता है तो डांग जवाब देता है कि वह अकेले रहना चाहता है और वह अपना खयाल रख सकता है। डांग का घर भी पक्‍के तौर पर नहीं बना है। घर में लकड़ी की दीवारें हैं, जिससे देर रात तेज हवाएं आती हैं।
डांग वान खुयेन की कहानी उसी श‍िक्षक ने ऑनलाइन शेयर की थी, जिसके बाद से यह मामला स्‍थानीय मीडिया में चर्चा में है। देश और दुनिया के लोग डांग के हिम्‍मत को सलाम कर रहे हैं। कई लोगों ने उसे गोद लेने की पेशकश की है, जबकि बहुतों ने दूसरे ढंग से उसकी मदद करने की इच्‍छा जताई है। लेकिन अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि डांग किससे और कितनी मदद लेगा।