हिंसा फैलाने के आरोपी पीएफआई के तीन सदस्य गिरफ्तार


नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लखनऊ में हिंसा फैलाने की सूत्रधार पॉपुलर फ्रंड ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन सदस्यों को हसनगंज पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। इन लोगों ने 19 दिसम्बर को हुए प्रदर्शन में लोगों को आगजनी, पथराव और तोड़फोड़ के लिए उकसाया था। इतना ही नहीं आरोपियों ने 10 दिसम्बर से लेकर प्रदर्शन की पूर्व संध्या तक ज्यादा से ज्यादा लोगों को जुटाने के लिए प्रचार-प्रसार अभियान भी चलाया था। पुलिस इन लोगों से पूछताछ करके संगठन से जुड़े अन्य लोगों व फंडिंग का पता लगा रही है।


एडीसीपी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 19 दिसम्बर को लखनऊ के खदरा, हुसैनाबाद और परिवर्तन चौक इलाके में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। सीएए के विरोध में नारेबाजी कर रहे लोगों ने पुलिस टीम पर अचानक पथराव कर दिया था। उपद्रवियों ने पुलिस, रोडवेज, आम जनता और मीडिया कर्मियों के वाहनों में तोड़फोड़ करने के साथ ही तीन दर्जन वाहनों में आग लगा दी थी। करीब आठ घंटे तक चले बवाल में पुलिस ने कई लोगों को मौके से गिरफ्तार किया था। जबकि, सैकड़ों अन्य लोगों की गिरफ्तारी वीडियो, सीसीटीवी फुटेज व तस्वीरों के आधार पर की गई थी।
अध्यक्ष के पकड़े जाने पर खुला था भेद
23 दिसम्बर को लखनऊ क्राइम ब्रांच और हजरतगंज पुलिस ने पीएफआई के स्टेट हेड वसीम अहमद, डिविजन प्रेसिडेंड असफाक और कोषाध्यक्ष नदीम को गिरफ्तार करके सीएए के विरोध में लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न इलाकों में हुई हिंसा के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की संलिप्तता का राजफाश किया था। जांच में खुलासा हुआ था कि पीएफआई ने ही अन्य संगठनों की मदद से विरोध को हवा देकर हिंसा भड़काई थी। इसके बाद से प्रदेश भर में पीएफआई के सदस्यों की गिरफ्तारियां हुई थी।
डोर-टू-डोर कैम्पेन चलाया था
इंस्पेक्टर हसनगंज अमरनाथ वर्मा ने बताया कि खदरा में हुए बवाल, आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में पुलिस की तरफ से दो मुकदमे दर्ज किए गए थे। इसकी विवेचना में पीएफआई के सदस्य शकीलुर्रहमान, शाबी खान और मोहम्मद अरशद के नाम प्रकाश में आए थे। शुक्रवार को पुलिस ने तीनों को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन लोगों ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री प्रसारित करने के साथ ही डोर-टू-डोर कैम्पेन चलाया था। इसके तहत ''हक की लड़ाई, सड़क पर लड़ो'' का नारा देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रदर्शन में जुटाने का काम किया था।
प्रदर्शन में मजदूरों को भी लाए थे
इंस्पेक्टर अमरनाथ वर्मा ने बताया कि आरोपी शकीलुर्रहमान अलीगंज के सेक्टर-एम का रहने वाला है। उसका फैब्रिकेटिंग का काम है। वहीं, सर्वोदयनगर में बड़ी मस्जिद के पास रहने वाला शाबी खान पुताई ठेकेदार है। जांच में सामने आया कि शकीलुर्रहमान और शाबी खान अपने साथ काम करने वाले मजदूरों को भी प्रदर्शन में लाए थे। इसके अलावा खुर्रमनगर निवासी मोहम्मद अरशद की फार्मेसी की दुकान है। उसने व्हाट्स एप पर कई ग्रुप बनाकर लोगों को भड़काने का काम किया था।
कई अन्य सदस्य रडार पर
एडीसीपी राजेश ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम भी उजागर हुए हैं। कॉल डिटेल और वीडियो फुटेज खंगाल कर उन लोगों की संलिप्तता की पुष्टि की जा रही है। जल्द ही अन्य लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी। इसके अलावा इनकी फंडिंग का स्रोत भी तलाशा जा रहा है।


Popular posts
सपा के सिद्धार्थ ने जरूरतमंदो को दिया सहयोग, कोरोना को लेकर सरकार से सतर्कता की मांग,प्रवासियों की जांच जरूर करावे
Image
प्रेमी से शादी करने की जिद पूरी न होने से जान देने का प्रयास,गौर पुलिस समझाकर ले आई
Image
बस्ती :- गाली गलौज देने पर बड़े भाई ने कुदाल से की छोटे भाई की हत्या, हत्यारोंपी फरार, तलाश जारी
Image
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में महिला खाताधारको के खाते में प्राप्त धनराशि पूरे समय जमा रहेंगी,कभी भी निकाले:-मैनेजर
Image
बस्ती:-श्री मती सौम्या अग्रवाल ने कोषागार पहुंच कर जिलाधिकारी पद का लिया चार्ज, देखे वीडियो
Image