कम्युनिष्ट चीन::कुरान व बाइबिल कम्युनिष्ट पार्टी के विचार से लीखे गा, जो अंश पार्टी व सरकार के प्रतिकूल होगा हटेगा।यही है चीन का राष्ट्रवाद
चूकी हर देश अपनी व्यवस्तथो देश के सम्मान की रक्षा का अधिकार है।भारत मे इतिहास पुरलेखन पर गहरा विबाद है ।इरफान हबीब जैसे लोग आपा खोबेठते है।पर जिस विचार धारा केलिये जाने जाते है इरफ़ान हबीब,राम चन्द्र गुहा उनसे चीन की नजीर पर प्रतिक्रिया भी चाहिए।
कोई सोच भी सकता है कि इस्लामिक कुरान में परिवर्तन करते हुए उसे नए तरीके से लिखा जाए या फिर ईसाइयों की बाइबिल में परिवर्तन करते हुए उसमें उस देश के शीर्ष नेता के विचारों को जोड़ दिया जाए? ऐसा होना तो दूर, इस बता की कल्पना तक नहीं की जा सकती है लेकिन दुनिया में एक ऐसा देश है जहाँ न सिर्फ कुरआन बल्कि बाइबिल में भी संशोधन किया जा रहा है तथा वो देश है चीन.
जी हाँ, बाइबिल तथा कुरान को अपने हिसाब से लिखने की घोषणा करने वाले व्यक्ति का नाम है है शी जिनपिंग.. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग. मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के एक प्रमुख अधिकारी ने कहा है कि कुरान तथा बाइबिल के नए संस्करणों में ऐसी कोई भी बात नहीं होनी चाहिए जो कि कम्युनिस्ट पार्टी के विश्वासों के खिलाफ जाती हो